जिन्न को काबू में करने का अमल 4.89/5 (9)

जिन्न को काबू में करने का अमल

Jinn Ko Kabu Karne Ka Amal

जिन्न को काबू में करने का अमल- Jinn Ko Kabu Karne Ka Amal, जिन्न एक मुस्लिम शब्द है, जो अरबी भाषा से आया है। किसी इंसान की मृत्यु के बाद जो रूह इस संसार में अपनी किसी इच्छा को पूरा करने के लिए भटकती रहती है, वह जिन्न कहलाती है।

इस्लाम में जिन्न और जिन्नातों के बारे में कई बातें चर्चित हैं। इसे लेकर कई भ्रांतियां भी हैं, परंतु अधिकतर लोगों को इसकी असाधारण ताकत का अंदाजा तब लगता है जब उससे उसका सामना होता है। इंसानी जीवन में कई अज्ञात और अनहोनी की बातें सात तह में छिपी रहती हैं।

जिन्न को काबू में करने का अमल

जिन्न को काबू में करने का अमल

उसकी वजह से ही एक इंसान के जीवन में आकस्मिक घटनाएं घटित होती हैं। इस बारे में जिन्न ही भली-भांति समझ सकता है। जब कोई इंसान अप्रत्याशित घटनाओं का शिकार होने लगता है तब जिन्न उसकी मदद करते हुए मुसीबतों के समंदर से बाहर निकल सकते हैं। यह तभी संभव है जब जिन्न को अपने काबू में कर लिया जाए।   

जिन्न को काबू में करने के कई वजीफे और दुआएं दी गई हैं। उनके पाक-साफ नीयत से पढने का अमल कर उसे अपने वश मंे किया जा सकता है। मुस्लिम मान्यता के अनुसार ये जिन्न या जिन्नात इंसानों को हानि ही पहुचाते हैं।

इनमें बहुत कम ऐसे होते है जो इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होते। इनकी दुनिया इंसानों की दुनिया से बिलकुल अगल होती है। आज का अत्याधुनिक समाज इसके अस्तित्व को भले ही नहीं समझ पाए, किन्तु इसे लेकर मान्यता यही है कि किसी भी मानव शरीर को अपने वश में करने की ये ताकत रखते है।

इस्लाम की मान्यताओं के अनुसार इंसान मरने के बाद जिन्न बनते है और अपनी किसी अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए हजारों वर्षो तक इस संसार में विचरण करते है। ऐसे बहुत से जिन्न पराशक्तियों से परिपूर्ण होते है। ये उड़ सकते है। गायब हो सकते है। किसी भी इंसान का रूप ले सकते है। यहां तक कि एक स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से पहुंच सकते हैं। 

जिन्न की ताकत और इंसानी हक में दूसरे गुण-अवगुण के कारण ही उसे पांच श्रेणियों में बांटा गया है। उनमें अलग-अलग शक्तियां होती हैं। इन्हीं शक्तियों के बल पर इंसानों की नाक में दम कर देते हैं।

इनमें मुरीद नामक जिन्न को सबसे खतरनाक माना गया है। अलादीन का चिराग में भी इसी जिन्न का जिक्र आता है, जो ज्यादातर समुद्र या फिर खुले पानी में पाए जाते हैं। इंसानी दुनिया की तरह ही अपनी एक अलग दुनिया में रहने वाला जिन्न इफरीत है।

वे एक दंपति की तरह ही जोड़े से रहते हैं और ये इंसानी भावना को बड़ी आसानी से समझ लेते हैं। साथ ही बहुत ही जल्द इंसानों को अपना दोस्त बना लेते है। ये अच्छे और बुरे दोनों किस्म के होते हैं।  

सिला जिन्न सिर्फ और सिर्फ एक महिला ही हो सकती है, जो किसी किसी औरत की आकस्मिक दुर्घटना से हुई मृत्यु के बाद बनती है। इसे मानसिक रूप से बहुत ही ताकतवर और मजबूत माना गया है।

इसकी उपस्थिति इंसान को हानि और नुकसान दोनों ही स्थितियों में ले जा सकती है। कब्रिस्तान के आस-पास पाई जाने वाली जिन्न की एक श्रेणी धुल की मान्यता इंसानी मांस खाने वाले के रूप में है। ये बहुत क्रूर और शैतानी शक्ल के होते हैं।

इंसानों के लिए ये बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते है। इसलिए इनसे बचने की सलाह दी जाती है।  इसी तरह से बेताल भी एक ऐसा जिन्न है, जिसे इंसानों का खून पीने वाला बताया गया है। इसकी एक विशेषता यह है कि ये भूत और भविष्य दोनों देख सकते हैं।

जिन्नों को लेकर कई रोचक और अजीबो-गरीब किस्से सुने जाते हैं। इसे लेकर महत्वपूर्ण धारणा है कि ये अपने असली रूप में, न रहकर इंसानी शक्ल धारण किए रहते हैं।

धार्मिक किताबें और मस्जिद जैसी पवित्र जगहों से ये दूर रहते हंै। ये कभी भी उस इंसान का शक्ल धारण कर लेते हैं, जो जीवित है और सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा होता है। ऐसा वे तब करते हैं जब उनके सुनसान निवास स्थान से होकर वह इंसान अकेले गुजरता है। वह गांव, शहर या कस्बे का कोई भी खंडहर और काफी कम रोशनी की जगह हो सकती है। वे इंसानी रूप धारण उनके जीवन में हस्तक्षेप कर सकते है।

जिन्न को अपने वश में करने के लिए काफी कठीन साधना करनी होती है। इसमें काफी सतर्कता बरतनी होती है। उसे अपने वश में करने के दौरान जरा सी चूक जानलेवा भी बन सकती है।

जो व्यक्ति अपनी किसी बुरी मंशा को पूरा करवाने के लिए ऐसा करते हैं उन्हें ही विफलता मिलती है और वे इस चक्कर में अपनी जान तक गवां बैठते हैं। मरने के बाद वे भी जिन्नों की दुनिया में शामिल हो जाते हैं। इससे अलग वही व्यक्ति जिन्न साधना में सफल हो पाते हैं, जो दूसरों का भला करने के उद्देश्य से उन्हें अपने वश में कर लेते हैं।

जिन्न को कैसे काबू में करें?

जिन्न को काबू में करने के लिए किया जाने वाल अमल कुल छह घंटे का होता है। इसके लिए जुमेरात की रात को 11 बजे के बाद घर का एक खाली कमरा या कोई सुनसान स्थान पर जाएं। नया लिबास पहनें, जो सफेद होना चाहिए। अपने साथ सुगंधित फूल रखें।

भीनी-भीनी खुशबू वाली इत्र की शीशी भी ले जाएं। कोई वैसी चीज नहीं रखें जिनसे दुर्गंध आती हो। जैसे प्याज या लहसुन। वजू करने के बाद सफेद चादर बिछाकर बैठ जाए। उसके बाद अमल के लिए हिसार इस तरह से करें।ं

  • अमल की शुरूआत करने से पहले दो रकत नमाज अदा कर लें। हर रकत में सुराह फतेहा या सुरात नसह 10 बार पढ़ें। 
  • उसके बाद चार कुल या आयतालकुर्सी को एक बार पढ़। फिर एक चूड़ी पर तीन बार दम करें। उस चूड़ी से अपने चारो ओर एक घेरा खींच लें।
  • अब अमल को पढ़ने की बारी है, जिसे दोनों आंखें बंद कर सवा लाख बार पढ़़ना होगा। अमल है- या शमयुलंनी ।
  • अमल खत्म होने के बाद आपकी नजरों के सामने जिन्न एक औरत के रूप में दिखाई देगी। आपको सलाम करेगी। तब उससे वादा लें। उससे कहें कि जब तुम्हें खिदमत के लिए बुलाएं तब आना पड़ेगा। यह कहते हुए इत्र की शीशी वहीं गिरा दें। उसके बाद वह कुछ निशानी देगी, जो उसकी हाथ में नजर आएगा।  

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