दुश्मन को भगाने की दुआ 5/5 (26)

दुश्मन को भगाने की दुआ

Dushman Ko Bhagane Ki Dua

दुश्मन को भगाने की दुआ – Dushman Ko Bhagane Ki Dua, अमूमन हर व्यक्ति के सामान्य जीवन में तरहतरह की बाधाएं आती रहती हैं। कुछ अपनी गलतियों की वजह से, तो कुछ आकस्मिक जाती हैं। कामकाज में रूकावट डालने वाली कई अड़चनों का कारण दुश्मनों की दुश्मनागत भी होती है।

कई बाधाओं को दूर करना अपने वश में होता है, जबकि दुश्मनों द्वारा जानबूझ कर डाली गई बाधाओं को हटाने के लिए सबसे अच्छा उपाय दुश्मन को ही दूर भगाना सही कदम हो सकता है। इसके लिए इस्लामी दुआ का तरीका अपनाया जाना चाहिए।

दुश्मन को भगाने की दुआ

दुश्मन को भगाने की दुआ

दुश्मन कई तरह के होते हैं उनके अनुसार अलगअलग तरह की दुआओं और वजीफे का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे दुश्मन को बर्बाद करना, घर में घुसे दुश्मन को निकाल बाहर करना,

दुश्मन को झुकाना या नीचा दिखाना, दुश्मन को चुप करवाना या फिर उसे बीमार बना देना इत्यादि के लिए अल्लाताला से दुअओं के फायदे निम्न प्रकार से मिलते हैं। 

  • दुश्मन को दूर करने या कहें हटाने की दुआ से हम किसी भी तरह के समस्या का समाधान निकला सकते हैं। उसके जलन की भावना से बच सकते हैं और शांतिपूर्ण तरीके अपने काम पर ध्यान कंेद्रित कर सकते हैं।
  • किसी दुश्मन को चुप करवाकर भी हर वक्त सताने वाले दुश्मन को दुरूस्त किया जा सकता है। इसके लिए उसे परेशान करने के लिए सुरा असर को 21 मर्तबा रोजाना सात दिनों तक समुद्री नमक की एक डली को हाथ में लेकर पढ़ा जाता है। उसके बाद उसपर दम किया जाता है। नमक की उस डली को आग में डाल दिया जाता है। ऐसा करने से दुश्मन अपनी हरकत करने से बाज जाता है।
  • अगर कोई दुश्मन आपकी जमीनजायदाद पर नजर डाले हुए है, तो उसे भगने के लिए समुद्री नमक के ढेले के साथ वजीफा पढ़ने और दम करने का तरीका इस्तेमाल किया जाता है।
  • अगर कोई दुश्मन आपको हमेशा ऐसा नुकसान पहुंचाता है, जिससे रोजमर्रे की जिंदगी में परेशानियों से भर जाती है तो वैसे दुश्मन को बीमार करने का वजीफा से अपनी हिफाजत की जाती है। इस वजीफे को मौलवी से पूछकर शनिवार या मंगलवार को 321 बार इशा की नमाज के बाद पढ़ा जाता है।
  • अपने बच्चे या संपत्ती को दुश्मनों की नजर से बचाने के लिए उसे हराने का वजीफा इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए सूर्यास्त के बाद वजीफा पढ़ने की सलाह दी गई है। 
  • अगर आप घर में रह रहे किसी व्यक्ति की दुश्मनी की शिकार हो चुके हैं और उसकी वजह से नुकसान हो रहा हो तो उसे छिपे दुश्मन को घर से निकालने की दुआ करनी चाहिए।
  • दुश्मन का डरः इस्लामी दुआ के साधारण प्रयोग दुश्मन के डर को दूर किया जा सकता है। इसके  लिए नीचे दिए गए इस्लामी आयत के तर्जुमा को पढ़कर अपने दोनों हथेलियों को पूरे बदन पर फेरा जाता है। आयत का तर्जुमा इस प्रकार हैउसको तो किसी को निगाह पा सक्ती और वह सब निगाहों को घेर लेता है और वही बड़ा बारीक जानने वाला और बाखबर है।

दुश्मन की तबाही

कुछ दुश्मन बहुत ही बेशर्म, जबरजस्त और जिद्दी किस्म के होते हैं। वे तंग करने के विभिन्न तरीके अपनाते रहते हैं। वैसे दुश्मन को तबाह करना ही अधिक अच्छा होता है।

इसके लिए जानकार मौलवी इस्लाम नक्श को अमल करने की सलाह देते हैं। उसका सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है।

  • इस नक्श को दिन में 31 बार सफेद चैकोर कागज पर लिखें। उसके नीचे दुश्मन के नाम के साथ उसकी मां का नाम भी लिख लें। 
  • दोपहर के समय उसे तेज आग की लपट में जला दें। उसके बाद सुर इंशा आतयाना को पढ़ें। इसमें दिए गए शब्द अब्तर की जगह पर तीन बार हुवल अब्तर हुवल अब्तर कहें। इसका असर काफी तेजी से होगा और तीन दिनों के बाद ही दुश्मन शरीर पर फफोले पड़ जाएंगे और उसकी जिंदगी बर्वाद हो जाएगी।

दुश्मन पर वार 

दुश्मन को कभी भी कमजोर नहीं समझना चाहिए। उसके हर वार से बचना चाहिए तो उसपर वार करने से भी नहीं चूकना चाहिए। इसके लिए नमक के सात ढेले लें और दुश्मन समेत उसकी मां का नाम लेकर नीचे दिए गए आयत को पढ़ें और हर ढेले पर सात बार दम करें। उन्हें दम करने के तुरंत बाद आग में डाल दें। इस अमल को शनिवार या सोमवार को करें। आयत इस प्रकार है

वजअलाना मीम्बयानी अयदीहिम सददव

मीन खलफिहिम सददन

अगशयनाहूम फहुम ता युबसिरुन।

घर में घुसे दुश्मन को निकालना

कई बार दुश्मन घर में ही घुसा होता है या फिर अपने आसपास दुश्मनी का जाल बुनता रहता है। ऐसे दुश्मन आस्तिन में सांप कहलाते हैं। उन्हें घर से निकालने के लिए खास दुआ का इस्तेमाल किया जाता है।

अल्लाताला उसे पहचानने और बेघर करने की राह दिखाता हैं। दुश्मन परिवार का सदस्या या नजदीकी रिश्तेदार, या फिर कोई अतिथि भी हो सकता है, जिसकी वजह से आपको परेशानी हो सकती है।

घर में बैठी व्याहता ननद, मामा, साला, बुआ या फिर कोई दूसरा रिश्तेदार जो गृह क्लेश का कारण बनते हों। उन्हें घर से निकालना ही बेहतर होता है। इसे लिए नीचे दिए तरीके का सिलसिलेवार ढंग से इस्तेमाल करना चाहिए।

  • अगर कोई इंसान आपके घर में रहकर ही आपकी क्षति करे तो उसे घर से निकालने के लिए 41 दिनों का एक वजीफा अमल में लाना चाहिए।
  • इस वजीफे का अमल सिर्फ जायज मकसद के लिए करना चाहिए।
  • सबसे पहले आप अपने घर के एकांत जगह को साफ कर साफ चादर बिछा लें। पाकसफ हो जाएं और ताजा वजू बना लें चादर पर नमाज पढ़ने की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • अपने दाएं या बाएं कंधे पर तीन मर्तबा अयतुल कुर्सी पढ़कर फूंक मारें।
  • फिर उसके बाद  पांच मर्तबा दुरूद इब्राहिम पढ़कर किसी ब्लैक पेन से सफेद कागज पर मौलवी का दिया हुआ नक्श की नकल कर लें। यह नक्श बाजार में भी मिलता है।
  • उस नक्श के नीेच जिसे घर से निकालना है उसका नाम या फिर उसकी मां का नाम लिख दें।
  • अंत में दारूदे शरीफ तीन बार पढ़ें। इंशा ने चाहा तो आपके दुश्मन को तीन दिनों के भीतर ही घर से निकाल बाहर करेगा। परंतु हां इस वजीफे को लगातार रोजाना करना जारी रखें। कागज पर लिखे नक्श को अगले रोज जला डालें और नया नक्श लिखें।

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दुश्मन को बर्बाद करने का कुरानी अमल

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