सुरह रहमान का वजीफा फार मैरिज 5/5 (8)

सुरह रहमान का वजीफा फार मैरिज

Surah Rahman Ka Wazifa For Marriage

सुरह रहमान का वजीफा फार मैरिज – Surah Rahman Ka Wazifa For Marriage, मनपसंद मैरिज में कई वजहों से रूकावटें आती हैं, जो अरेंज मैरिज की तुलना में बहुंत अधिक होता है। खासकर दो प्रेमी-युगलों को अपनी मर्जी से शादी करने के दरम्यान परिवार और समाज दोनों का जबरदस्त विरोध झेलना पड़ता है।

मां-बाप तो उनकी जान तक के दुश्मन बन जाते हैं। प्रेमियों को इसे दूर करने के लिए पैरेंट्स को मनाने से लेकर अपनी महबूब या महबूबा तक को राजी करना पड़ता है।

सुरह रहमान का वजीफा फार मैरिज

सुरह रहमान का वजीफा फार मैरिज

इस तरह की आई बाधाओं को दूर करने के लिए उन्हें कई कोशिशें करनी होती है। ऐसा करते हुए उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि अल्लाताला की मर्जी के बगैर मैरिज संभव नहीं हो सकता है।

इसलिए लवर को चाहिए कि मैरिज वजीफा का अमल करें और अल्लाताला को खुश कर दें। कुरान में कई वजीफे और दुआएं दी गईं हैं, जिनसे मैरिज की तमाम मुश्किलातों को दूर किए जा सकते हैं। सुरह रहमान के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें इस प्रकार हैं।

  • यह लव मैरिज के सभी मामले को बेहद आसानी से सुलझाने का एक कारगर तरीका है। इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि आप अपनी मर्जी से लव मैरिज कर लें।
  • पवित्र कुरान के लिए इस दुआ का उपयोग कर पैरेंट्स को इसके लिए सहमत किया जा सकता है। इसके लिए सुरह रहमान आश्चर्यजनक रूप से अच्छी तरह काम करता है और यह बहुत ही मजबूत और शक्तिशाली है। 
  • इसे नियम से पढ़ने पर प्रेम-विवाह में सफलता के अलावा और भी कई लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है। जैसे हजत और बीमारियों या हतासा को दूर करने के लिए सुरह रहमान वजीफ उपयोगी होता है। 
  • इसे पढ़ने से पहले और अंत में 11 बार दारूद सलावत पढ़ने से वजीफा और भी ताकतवर बन जाता है।
  • सुरह रहमान वजीफा को फजर की नमाज के बाद पढ़ने से भी यह काफी असरकार हो जाता है।

  वजीफे से मनाएं पैरेंट्स का

पैरेंट्स बच्चों के लिए गाॅड के समान होते हैं। वे बच्चों की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और उन्हें हर मुसीबतों से दूर रखना चाहते हैं। बच्चों को चाहिए कि वे उन्हें खुश कर ही जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लें। कोई भी अच्छा काम पैरेंट्स की निगाह में लेकर ही करें।

उनमें विवाह जैसा नेक काम भी है। कई बार पैरेंट्स अपनी संतान की लव मैरिज के लिए राजी नहीं होते हैं, कारण उससे उनकी अपने बेटे या बेटी की शादी करने की तमन्ना पूरी नहीं हो पाती है। उन्हें राजी करने के लिए नीचे दिए गए सुरह रहमान के वजीफे को नेक नीयत के साथ पढ़ना चाहिए। 

  • वजीफा है- वाला हुउला वाला कुवाता, इला बिल्ला हिल अलियुल अजीम। 
  • इस वजीफे को 21 दिनों तक एक निश्चित समय पर रोजाना पढ़ा जाना चाहिए। इसे लड़का या लड़की अपने माता-पिता या फिर एक-दूसरे के पैरेंटस ्को मनाने के लिए पढ़ सकते हैं।
  • इसकी शुरूआत किसी भी दिन कर सकते हैं। वजु करने के तुरंत बाद घर के एकांत स्थान पर रात में 11 बजे के बाद साफ चादर बिछा कर बैठ जाएं। अपने साथ कुछ मिठाई रख लें।
  • पहले दुरूद-ए-शरीफ को 121 बार पढ़ें। उसके बाद पवित्र कुरान के वजीफे को 33 मर्तबा पढ़ें और मिठाई पर फूंक मारें।
  • अंत में दुरूद-ए-शरीफ को सात बार फिर पढ़ लें। इस प्रक्रिया को लगातार 21 दिनों तक करें।
  • मिठाई अपने पैरेंट्स को खाने के लिए दें। 21 दिनों बाद आप पाएंगे कि अपके प्रति पैरेंट्स के विचार और व्यवहार में जबरदस्त बदलाव आया है। उसके बाद वे लव मैरिज के लिए तैयार हो जाएंगे। 
  • विशेषः लव मैरिज में नाराज पैरेंट््स को मनाने के लिए सुरह इखलास का वजीफा महत्वपूर्ण बताया गया है, जबकि दुरूद-ए-इब्राहिम रब्बी इन्नी लिमा अंजाल्ता को भी नमाज के बाद 100 बार पढ़ा जाना चाहिए। 

मां-बाप का राजीनाम वजीफा 

कई बार दोनों प्रेमी और प्रेमिका के मां-बाप लव मैरिज की मुखालफत करते हैं। इसे वे अपनी आन-बान और शान के खिलाफ मानते हैं। वैसे पैरेंट्स को निम्न तरीके राजी किया जाना चाहिए। 

  • इसकी शुरूाआत किसी भी दिन से कर सकते हैं, लेकिन रोजाना 11 दिनों तक एक ही समय पर किया जाना चाहिए।
  • रात को सोने से पहले वदू बनाकर कुरान शरीफ को अपने सामने खोल लें। साथ में एक ग्लास साफ पानी रखें। फिर सुरह यासीन को स्पष्ट उच्चारण के साथ तीन बार पढ़ें। 
  • उसके बाद मात्र चार अल्फाज के वजीफे या अल्लाहु या फत्ताहु को 303 बार पढ़ें। पानी पर दम करें और उसे पी लें।

लव मैरेज की सफलता वजीफा 

इस्लाम में साफ तौर पर कहा गया है कि कोई भी औरत और मर्द अपनी मर्जी से एक-दूसरे की राजी से निकाह कर सकते हैं। इन्हें किसी के जरिए रोकना अनैतिक कदम होगा।

इसके बावजूद अगर ऐसा होता है तब ऐसे प्रेमियों को कुरान शरीफ में दिए गए वजीफे के अमल की मदद लेनी चाहिए। यह वजीफा इस प्रकार है, जिसे प्रेमी-युगल के द्वारा सात दिनों तक रोजाना तीन बार पढ़ना चाहिए। 

बिस्मिल्लाह हिर रहमानिर रहीम

अर रहमान अल ला माल कुरान खालकल इन्सान, 

अल्लामा हुल बियान ऐश शम सु वाल कमारू बान वन्न अज्मु वाशारु यारसुद्दन वाासम आ राफा

वह वलाद मिज़ान अल्ला ततग़ाहु फिल मिजान

वा अकीमुल वजान बिल किस्त वा ला तुख सेरुल मिजान अरदा वाडा है लील

अलम फाहा हैतुन वैंक नख लु जातुल अक मम वाल हब्बू जुल आसफेई वार राइ हन्नू 

फबी ऐ आलि रब्बी कुमा तुकाज जिबान खाला कल इन्सान मिन सलसलीन कल फख खार 

वा खान लाकल जान मिम मरिजिम मिन नर फाबे आयी ऐ रली बीकमा तुकाज जिबान रबी बुल माश रिक्यी नी वा रब बुल माघ रिबयान

फबी अलाई रब्बी कुमा तुकाज जीबान।

मारा जाल बह रे नी यल्ता कियान अयना हुमा बार जाखुल ला याबग्यीन।

इस शक्तिशाली वजीफा को रोज तीन बार सात दिनों तक पढ़ें। इसके साथ सुराह रहमनान भी हर दिन पढ़ते हुए अल्लाह से लव मैरिज बनाने की दुआ करनी है। 

सुरह यतीन का वजीफाः इसकी आयत 36 से भी शादी की हर रूकावट को दफा किया जा सकता है। वह आयत है- सुब्हानल्लजी ख-ल-क-ल अज्वाया कुल्लहा मिम्मा तुंबितुल अरजु वमिन अनफूसिहिंम व मिम्म ला या आलमून 

इसे ऊपर बताए गए तरीके के अनुसार ही 100 बार पढ़कर अल्लाह से दुआ करनी चाहिए।

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अच्छे रिश्ते आने की दुआ

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