भागे हुए को वापस बुलाने का वजीफा 5/5 (9)

भागे हुए को वापस बुलाने का वजीफा

Bhage Hue Ko Wapas Bulane Ka Wazifa

भागे हुए को वापस बुलाने का वजीफा – Bhage Hue Ko Wapas Bulane Ka Wazifa, परिवार में विभिन्न सदस्यों के बीच आपसी मतभेद कई बार काफी हद तक बढ़ जाता है। खासकर मिंया-बीवी में तकरार तो होता ही रहता है,

लेकिन उनके बीच एक समय ऐसा भी आ जाता है जब बीवी रूठकर मायके चली जाती है। इसी तरह से मां-बाप की डांट-डपट से किशोर उम्र के बच्चे घर से भाग जाते हैं।

मोहब्बत में अंघी हुई लड़कियां भी अपने प्रेमी के बहकावे में आकर घर छोड़ देती है। यहां तक कि बुजुर्ग व्यक्ति भी अपने बेटे-बहु के उलाहने और ताने बर्दाश्त नहीं कर पाने की स्थिति में घर से काफी दूर दूसरे शहर में चले जाते हैं।

भागे हुए को वापस बुलाने का वजीफा

भागे हुए को वापस बुलाने का वजीफा

वैसे लोगों को वापस बुलाना मुश्किल होता है, लेकिन नामुमकिन नही है। उनके किसी भी ठौर-ठिकाने का पता नहीं होने के बावजूद इस्लामी वजीफे या अमल से वापस घर बुलाया जा सकता है। 

रूठी बीवी को बुलाना 

अगर किसी शौहर की बीवी अपने ससुराल वालों की बातों से नाराज होकर अपने मायके जा बैठी हो। या फिर अपने ससुराल के लोगों के साथ-साथ शौहर को बिना वजह परेशान करती हो तो इस सूरत में रोजाना 260 बार 44 दिनों तक एक वजीफा पढ़े। उसके लिए किया रोजाना रात को 11 बजे के बाद किया जाने वाला उपाय इस तरह करना होगा- 

  • घर के किसी एकांत कमरे में एक किनारे साफ चादर बिछा लें। वजु कर उसपर बैठ जाएं और प्रतिदिन का नमाज पढ़ें।
  • रूठी बीवी का नाम ध्यान में करते हुए दारूद शरीफ 11 बार पढ़ें। उसके बाद इस्लामी वजीफा विस्मिअल्लाहिर्रहमानिर्रहीम 260 बार पढ़ें
  • अंत में एक बार फिर से दारूद शरीफ को 11 बार पढ़ने के बाद इंसाअल्ला से बीवी को वापस घर आने की मन्नत मांगें। जैसे-जैसे वजीफ पढ़ने का दिन बढ़ता जाएगा वैसे-वैसे रूठी बीवी का अपने ससुराल आने का दिल करने लगेगा। शौहर के घर में बसने का एहसास पैदा हो जाएगा।
  • इस वजीफे के अमल से कोई बीवी भी अपने शौहर को वापस बुलाने या मनाने या फिर पाने का उपाय कर सकती है। 

घर से भागे को वापस लाना

घर-परिवार का कोई भी सदस्य हो, वह अगर किसी वजह से रूठकर घर से भाग गया हो तो उसे नक्श और अमल के जरिए वापस बुलाया जा सकता है। उसके लिए सात बार सुरः यासीन पढ़ें।

जब मुकर्रमीन पर आएं तो भागे हुए का नाम लें और एका ताले पर दम करके बंद कर दें। उसके बाद उसे हवा में उछला कर फेंक दें। ध्यान रहे ताले के हवा के रूख की दिशा में फेंका जाना चाहिए। जिस तरह से ताला चक्कर खाकर गिर जाएगा, उसी तरह से भागा हुआ व्यक्ति भी चक्कराता हुआ वापस घर आ जाएगा।

दूसरा टोटका-एक सफेद तीन गुणा तीन इंच के चैकोर मोटे कागज पर बीच में घर से भागे हुए व्यक्ति के नाम के साथ उसकी मां का नाम लिख दें। उसके चारो ओर लाईन खींच लें, जो कागज के ठीक किनारे की ओर हो। लाईन के ऊपर बिस्मिल्लाहर्रिहमानिर्रहीम चारो तरफ लिख दें। इस तरह से तैयार ताबीज के एक कोने में छेद कर धागे से घर के बाहर दरवाजे पर हिलती हुई स्थिति में टांग दें।

वापस बुलाने का ताबीज

घर से भागे हुए या गुमशुदा व्यक्ति को वापस बुलाने के लिए ताबीज का सहारा लिया जाता है। इसके लिए पहले किसी मौलवी से मिलकर एक ताबीज बनवाएं या फिर उनके बताए तरीके को अपनाएं।

  • इस बात का भी ध्यान रखें कि चाहे कितना भी इंसान गुस्से में घर छाड़ दे लेकिन उसका अपने घर से लगाव काफी मजबूत होता है। उसमें उसी लगाव की ओर ध्यान बंटाने के लिए चैकोर कागज पर उसका नाम लिखकर रविवार के दिन ताबीज बनाएं। साथ में घर से भागे व्यक्ति की मां का नाम भी लिखें। 
  • सूरह बाद दुआ को 41 बार पढ़ें। उसे दाएं हाथ से सात बार उल्टा घुमाकर फेंक दें। उसके बाद इंशा की नमाज पढ़ें और अल्लाताला के हाथ फैलाकर घर वापस बुलाने की मन्नत करें।
  • इस ताबीज को फेंकने के बजाया कुराआन शरीफ में भी पन्नों के बीच दबाकर रखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त खास किस्म के ताबीज के लिए गुलाब के अर्क या जाफ्रीन से वापस बुलाने वाले का नाम और वजीफा लिखें। 
  • वजीफा लिखे कागज को किसी मिट्टी की खाली हांडी में रख दें। उसके बाद इंशाअल्ला से दुआ करें। 

गुमशुदा को वापस बुलाना

छोटी-मोटी बात पर घरेलू लड़ाई-झगड़े की वजह से या नादानी में अक्सर लोर घर छोड़ने का कदम उठा लेते हैं। कई बार वे जहां जाते हैं भटक जाते हैं। घर वाले उसकी तलाश एक गुमशुदा के रूप में करते हुए तमाम तरह की परेशानियों से घिर जाते हैं। उनके द्वारा किए जाने वाले उपायों में अल्लाताला से किया जाने वाला दुआ भी है।

किसी के द्वार अगवा किए जाने की स्थिति में यह दुआ  मुफीद साबित होता है। यह अमल विशेषकर उनपर जल्दी कारगर होता है, जो नौजवान हैं और गुस्से में उन्होंने घर छोड़ दिया है। इसे रोजाना 119 बार चालीस दिनों तक नेक नियत के साथ निश्चित समय पर पढ़ा जाना चाहिए। इसका सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है-

  • रात को 11 बजे के बाद इसकी तैयारी करते हुए घर के एक शांत स्थान पर साफ चादर बिछाएं और ताजा वजू कर लें।
  • दो रकअत निफल अदा करें। उसके बाद कुरान में दी गई सुरह अल-कसस आय 85 को 119 बार पढ़़ें और अल्ला ताला से दुआ करें।
  • इस अमल को 40 दिनों तक करें। इंशा अल्ला इस दौरान गुमशुदा शख्स अवश्य मिल जाएगा।   
  • वैसे तो इस अमल को रात में करना ज्यादा असरदार बताया गया है, लेकिन किसी भी नमाज के बाद रोजाना एक मरतबा किया जा सकता है। 
  • अमल के दौरान दुआ पढ़ने से पहले और आखिर में 11-11 मरतबा इस दुरूद शरीफ को पढ़ें- ‘अल्लाहुम्मा सल्ले ‘अला मु’हम्मदिन सैय्यादिल अबरारी फातिहिल असरारी व बारिक वसल्लम’।
  • उसके बाद निचे दी गयी आयत (सिर्फ अरबी में पढ़नी है) की तिलावत करें,
  • आयतः वली कुल्लिन विज हतुन हुवा मुवल्लीहा फ-स तबिकू-ल खैराति अयना मा तकूनू यति बिकुमुल्लाहु जमी’आ
  • औरतें चाहें तो वह भी इस अमल को कर सकती हैं, लेकिन हैज या माहवारी के दौरान की शुरूआत नहीं करनी चाहिए ओर चालीस दिनों के भीतर इस स्थिति में रोक दिया जाना चाहिए।

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किसी के दिल में मोहब्बत डालने की दुआ

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