भूत प्रेत भगाने का अमल 5/5 (20)

भूत प्रेत भगाने का अमल

Bhoot Bhagane Ka Amal

भूत प्रेत भगाने का अमल – Bhoot Bhagane Ka Amal, भूत-प्रेत मानसिक भ्रम और दिमाग में गहराई तक बैठे डर के सिवाय और कुछ नहीं है। इसका डर मन को अज्ञात आशंकाओं से भर देता है और इंसान खुद को काफी असहाय समझ लेता है।

नतीजा दिमाग सिर्फ डर को ही फालो करने लगता है। यह कहें कि डर इंसान का इस कदर फालो करता है कि उसके शरीर के अंग शिथिल पड़ जाते हैं।

भूत प्रेत भगाने का अमल

भूत प्रेत भगाने का अमल

इसी डर की वजह से इंसान कई कल्पनाओं और किस्से कहानियों में उलझकर भूत-प्रेत की छवि को भी दिमाग में बिठा लेता है। भूत-प्रेत भगाने का अर्थ होता है दिमाग में बैठे उसी डर को निकाल-बाहर करना।

इसमें अल्लाह ताला के सिवाय और कोई मदद नहीं कर सकता है। उनकी आयतें, वजीफे और अजान में वह ताकत है, जो आपकी दिमागी खलल और हलचल को शांत कर देता है। दिमाग को पोजेटिव थिंकिंग से भर देता है और फिर भूत-प्रेत जैसी भावना से इंसान खुद को मुक्त महसूस करता है।

इसके लिए मौलवी और जानकार अमल बताते हैं। आयतों के पढ़ने और नक्श बनाकर उसे ताबीज में धारण किया जाता है या फिर तेज आवाज में अजान दिया जाता है और नमाज पढ़कर अल्लाह ताला से अपनी नेक-नियती और भलाई की दुआएं मांगी जाती है।

भूत-प्रेत को भगाने का वजीफा

अगर कोई व्यक्ति भूत-प्रेत की वजह से गंभीर रूप से डरा हुआ हो। उससे होने वाली बाधाओं को लेकर तरह-तरह की कल्पनाएं करता हो। रोजमर्रे के कामकाज ठीक से नहीं कर पाता हो तब उसे नीचे दिए गए आयत शरीफ को रोजाना 111 बार पढ़ना चाहिए। 

आयत शरीफ है- बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

हुवल्ला आलिमुल्लजीला ला इलाहा इल्लाह

अलिमुल गैवे वरस हादते हुवर रहमानुर्रहिम।

इसके पढ़ने के कुछ दिनों में ही भूत-प्रेत या शैतानी बाधा का भय दिमाग से निकल जाता है। चाहे कितना भी डरा हुआ व्यक्ति क्यों न वह इस आयत को पढ़ लेने के बाद हल्का महसूस करता है।

इसी तरह से अगर किसी स्थान, मकान या इमारत में भूत-प्रेत होने की बात हो। उससे लोगों को परेशानी होती हो तो वहां जाकर जोर-जोर से अजान देना चाहिए। ऐसा करने से वहां से भूत या जिन्नत का शैतानी साया हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।

जेहने जिन्न या भूत-प्रेत को निकालना

कुछ इंसान जो कमजोर दिल के होते हैं। नासमझ होते हैं। परलौकिक बातों में बहुत जल्द आ जाते हैं। उन्हें ऐसा महसूस होता है जैसे उनके शरीर में जिन्न या भूत प्रवेश हो चुका है।

वे जेहानी तौर पर इस जज्वातों से परेशान रहते हैं कि भूत-प्रेत ने उसके शरीर को कमजोर बना दिया है। उसमें चलने-फिरने की शक्ति नहीं है। यह एक तरह से मानसिक बीमारी है। इस हालता में वैसे शख्स को डांट-डपट, गाली-गलौज और मार-पीट आदि से भूत-प्रेत को भगाया जाता है।

इसके लिए अल्लाह ताला से इजाजत ली जाती है। नमाज पढ़े जाते हैं और आयत शरीफ को पढ़ने के बाद कहा जाता है- मैं तुझसे अल्लाह की पनाह चाहता हूं। मैं तुझपर अल्लाह की लानत भेजता हूं।

इसे कम से कम सात दफा फरमाया जाता है। इस अमल के बाद उस शख्स को भरोसा दिया जाता है कि उसके शरीरी से भूत-प्रेत भाग चुका है। साथ ही उसे रोजाना 11 दिनों तक आयत शरीफ को रात में 10 बजे के बाद सोने से पहले 111 बार पढ़ने के लिए कहा जाता है। 

इसके अतिरिक्त कई बार भूत-प्रेत को भगाने के लिए कुछ कुर्बानी भी दी जाती है। जैसे बकरे की बली दी जाती है। यह एक तरह से रूहानी इल्म से किया जाने वाला अमल ही नहीं होता है, बल्कि जिस शख्स को जिस्म में भूत-प्रेत समाने का भय हो गया हो उसमें से उसे निकलाने के लिए पहले उसे समझाया जाता है। 

ताबीज से भूत-प्रेत से बचाव

सामान्यतः मुस्लिम परिवार में बच्चों की हिफाजत के लिए हर किस्म की ताबीज बनाई जाती है। उनके एक ताबीज भूत-प्रेत से बचाव के लिए भी है। इससे उसके पास भूत-प्रेत फटक नहीं पाते हैं और बच्चे शौतानी साये से महफूज बने रहते हैं।

ताबीज में एक खास किस्म की नक्श लिखी होती है। इस बारे में जानकार मौलवी से सलाह ली जानी चाहिए। इसे सुराह जिन्न का नक्श कहा जाता है। इसके लिए सादे कागज पर जाफरीन की कलम द्वारा काली स्याही से चैकोर कागज पर तीन गुणा तीन के अनुसार खाने में खास नंबर लिखे जाते हैं।

उसके नीचे आयत शरीफ लिख दिया जाता है। फिर उसे सात तह में मोड़कर एक तांबे की डिब्बी में भर दिया जाता है। उसे काले धागे के साथ बाजू में या गले में पहना जाता है।  

भूत या जिन्नात को भगाने की दुआ या वजीफा

भूत या जिन्नात का भय होना किसी भी घर-परिवार के लिए ठीक नहीं होता है। इसका भय घर में किसी के आकस्मिक बीमारी या दुर्घटना में मृत्यु के कारण बन जाता है। खासकर किसी के द्वारा आत्महत्या करने या जलकर मर जाने पर उसकी रूह के भटकने का डर परिवार के सभी सदस्यों को सताता रहता है।

इस चपेट में आए अधिकतर लोगों की शिकायत रहती है कि उसके परिवार के किसी युवा सदस्य में कुंवारी या नवविवाहिता लड़की पर भूत का साया है। भूत उसके माध्यम से दूसरों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसका तरीका इस प्रकार होना चाहिए।

  • चाहे जैसे भी हो उसकी निगेटिव ऊर्जा से परिवार के सभी सदस्यों को बचाकर रखना चाहिए। इसके लिए खास वजीफा या दुआ को रोजाना 21 दिनों तक पढ़ें।
  • आयत शरीफ बहुत ही ताकतवर वजीफा है। इसे घर के मुख्य सदस्य द्वारा पढ़ा जाना चाहिए। वह स्त्री या पुरुष कोई भी हो सकते हैं। पढ़ने के लिए रात का समय 12 बजे के बाद का चुनें। साथ में एक ग्लास पानी रखें।
  • घर के एकांत जगह पर साफ चादर बिछाएं। उस दिन पांचो वक्त का नमाज उसी स्थान पर पढ़ें जहां वजीफा पढ़ना चाहते है। वजू बनाकर सबसे पहले दुरुद शरीफ 11 बार पढ़ें।
  • डसके बाद वजीफा 111 बार पढ़ें। ग्लास के पानी पर तीन बार फूंक मारें। फिर दरुद शरीफ को दोबारा सात बार पढ़ें। 
  • सुबह उठकर दम किया हुआ सुबह की नमाज के बाद पानी उसे पिला दें जो भूत के शैतानी साए को अनुभव करता हो। इस उपाय को रोजाना निश्चित समय पर करें। पानी में चाहें तो चीनी मिलाकर पिला सकते हैं। पीने वाले को अल्लाह ताला की दुआ करने को कहें।  

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शैतान को भगाने की-दुआ

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