सट्टे का नंबर जानने का अमल 5/5 (11)

सट्टे का नंबर जानने का अमल

Satte Ka Number Janane Ka Amal

सट्टे का नंबर जानने का अमल – Satte Ka Number Janane Ka Amal, सट्टा , लाॅटरी, जुआ और शेयर आदि को इस्लाम में हराम के जरिए कमाया हुआ पैसा समझा गया है। कुरान में सख्त हिदायत दी गई है कि पैसा कमाने के लिए इ्र्रमानदारी और मेहनत-मशक्कत का रास्ता चुनना चाहिए।

वरना अल्लाह ताला नाराज हो जाते हैं और उनकी तरफ से बद्दुआ मिलती है। फिर भी कई बार इंसान मुसीबत में बुरी तरह से फंस जाता है। शादी-ब्याह, बीमारी, पढ़ाई-लिखाई, कोर्ट-कचहरी या कर्ज की देनदारी के लिए पैसे की बेहद जरूरत आ जाती है।

इस घोर कमी की पूर्ति के लिए आकस्मिक पैसा पाने का एकमात्र जरिया सट्टा या लौटरी ही नजर आता है। वह अल्लाह ताला से दुआ करता है कि उसे कहीं से लाॅटरी लग जाए। सट्टे का सही नंबर मालूम हो जाए, ताकि उसे मुसीबत से छुटकारा पाने लायक पैसा हासिल हो सके। 

सट्टे का नंबर जानने का अमल

सट्टे का नंबर जानने का अमल

इस बुरे हालात में अल्लाताला भी मदद करते हैं। उनकी तरफ दुआ के लिए उठे हाथ में बरकत की अदृश्य लकीरें खींच जाती हैं। इसके लिए उनके द्वारा सिर्फ एक मौका मिलता है। यदि उनसे सही नेक-नीयत से दुआ की जाए तो सट्टे का नंबर सपने में दिख जाता है।

ध्यान रहे कि इस तरह के दुआ या वजीफे को रातोंरात अमीर बनने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। आईए इस अमल के जानकार मौलवी द्वारा बताए गए खास तरीके के बारे में बिस्तार से जानें, जिसे सिलसिलेवार ढंग से करना जरूरी होता है।

    • लाॅटरी या सट्टे का सही नंबर जानने के लिए पहले अच्छी तरह से अल सुबह वजू कर लें। और पूरे दिन रोजा रखने की तैयारी करें।
    • रोजा की तैयारी के सिलसिले मंें मीट-मछली आदि के मांसाहारी भोजन और धुम्रपान जैसे सिगरेट-बीड़ी या पान-गुटखे आदि से परहेज कर लें। शाम को रोजा खोलने के वक्त खाने के लिए मीठी खीर बनवाएं। और हां, इसका मकसद किसी नहीं मालूम होना चाहिए।
    • हो सके तो दिन मंे किसी फकीर को खाना खिला दें और कुछ पैसे के साथ कपड़े अपनी क्षमता के अनुसार भेंट कर दें।
    • आपके पहनने के कपड़े, हाथ – मुंह पोछने के तौलिये या रूमाल और बिस्तर वगैरह साफ-सुथरे होने चाहिए। इस स्थिति में आप शाम के वक्त की इशा की नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जाएं। इसे घर पर भी पढ़ा जा सकता है, लेकिन दुआ की अमल के लिए इस नमाज को मजलिस में पढ़ा जाना चाहिए।
    • मस्जिद मंे नमाज पढ़ने के बाद किसी के साथ कोई बातचीत किए बगैर चुपचाप घर आकर मीठी खीर से रोजा खोल लें। उसके बाद रात को अपनी सुविधानुसार एक समय चुन लें, जो दस या साढ़े दस का हो सकता है। समय निर्धारित करते समय यह ध्यान रखना चहिए कि दुआ की इस अमल में चार-साढ़े चार घंटे का समय लग सकता है।
    • घर में किसी एकांत जगह पर बैठकर सुन्नत और वीतर आदि जो रह गए हैं उसे पूरे करें।   रकता के दो नमाज पढ़ें। उसके बाद दो रकात नमाज नफिल हाजत के लिए पढ़ें। इस दौरान अल्लाह ताला से अपनी पैसे की कमी के कारण आ चुकी मुसीबतों का दुखड़ा सुनाएं। उसे दूर करने की मन्नत मांगें।
    • अब सट्टे केे नंबर के लिए 11 मरतबा दरूद शरीफ पढ़ें। उसके बाद 1000 बार बिस्मिल्लाह-हिर्रहाम-निर्रहीम पूरी शिद्दत के साथ लगातार पढ़ें।
    • इसके बाद दो रकात फिर पढ़ें और एक हजार बार बिस्मिल्लाह को पढ़ें।
    • इस सिलसिले को जारी रखते हुए 12 बार दो-दो रकात पढ़ते हुए 24 रकात हो जाएगी और 12000 हजार बार बिस्मिल्लाह हो जाएगा। इसे पूरा करने में करीब चार घंटे का समय लग सकता है।
    • अंत में दुरूद शरीफ 11 बार पढ़ें और अपने दाईं हथेली पर फूंक मारें। उसे कनपटी के नीचे रखकर सो जाएं। कुछ समय बाद ही आपको कुछ नंबर सपने में दिखेगा, जिसमें कोई एक नंबर स्थिर होकर सुबह नींद खुलने पर जेहन में बना रहेगा। वही आपके सट्टे का नंबर होगा। हो सकता है बिस्मिल्लाह पढ़ने के दौरान ही यही नंबर झपकी लगने के समय दिख जाए।
    • यह गारंटी का अमल है, जिसे वर्ष में एक बार ही करने की सलाह दी गई है। बार-बार करने से भारी नुकसान हो सकता है। इसे अपनी बेहद जरूरत की पूर्ति के लिए किया जाना चाहिए, न कि करोड़पति बनने के लिए। 
    • दुआ के इस अमल को औरत भी कर सकती है, लेकिन इसके लिए पाक-साफ होन बेहद जरूरी है। अर्थात माहवारी के दौरान इस अमल को नहीं किया जाना चाहिए।

फरियाद से सट्टे के नंबर  

सट्टे के सही नंबर के लिए अल्लाह ताला से फरियाद करने का तरीका भी अपनाया जा सकता है। इसे किसी मौलवी के बताए अमल के अनुसार ही करना चाहिए। ये फरियाद एक तरह शाबर मंत्र हैं, जिसे मुस्लिम या हिंदू समाज के कोई भी कर सकते हैं। वह इस प्रकार है-

फरियाद एक

बिस्मिल्लाह-हिर्रहाम-निर्रहीम, 

या अली शोकित मुलाना मैं तेरा अजीज बंदा

कर रेहमित, बिस्मल्लाह, विस्मिल्लाह, बिस्मिल्लाह।

दूसरी फरियाद

बिस्मिल्लाह-हिर्रहाम-निर्रहीम, 

या ख्वाजा जल पे सिमरु,थल पे सिमरु 

सिमरु तुजे मेरी ग्यारवी वाली सरकार, आजा मेरे ख्वाजा गरीब 

नवाज, उलटत काया पलटंत काया सट्टे का नंबर ख्वाजा 

गरीब नवाज साब लाया,अल्हु मदद – मदद-मदद ख्वाजा साब!

ये जांचे-परखे फरियाद हैं, इससे न केवल सट्टे का नंबर हासिल हो जाता है, बल्कि सट्टे से मिले पैसे से कारोबार करने की स्थिति में बरकत भी मिलती है। इस फरियाद को पूरी अल्लाह ताला पर पूरी तरह से भारोसा कर अपने आत्मविश्वास के साथ पीर की मजार पर जाकर किया जाता है। 

चांद दिखने वाले माह में गृरुवार के दिन रात को दस बजे के करीब  साफ और धुले हुए कपड़े पहनकर किसी भी पीर की मजार पर जाएं। वहां सुगंधित अगरबत्ती जलाएं और बताश का प्रसाद चढ़ाएं। वहीं नीचे एक साफ आसन पर नमाज पढ़ने के अनुसार बैठ जाएं।

आपका मुंह पश्चिम की तरफ होना चाहिए और अपने सामने सरसों के तेल का एक चिराग भी जला लें। चिराग को देखते हुए दूरूदे शरीफ 11 बार पढ़ें।  तीन बार बिस्मिल्ला बोलें और फिर फरियाद को 1000 बार पढ़ें। अंत मंे एक बार फिर 11 बार दुरूद शरीफ पढ़ लें।

उसके बाद यह सिलसिला कुल 43 दिनों तक जारी रखें। यह फरियादं रात में 9 से 12 बजे के बीच किया जाना चाहिए। उसके बाद घर आकर अल्लाताला से अपनी मुसीबत की मन्नत मांगते हुए सो जाएं। सुबह के सपने में कोई एक नंबर दिखेगा, जो अपके सट्टे का नंबर हो सकता है।  

परेशानी दूर करने का वजीफा

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