अपनी पसंद से शादी करने की दुआ 5/5 (10)

अपनी पसंद से शादी करने की दुआ

अपनी पसंद से शादी करने की दुआ, अपनी पसन्द की शादी कौन नहीं करना चाहता, लेकिन अल्लाताला की मर्जी के बगैर कुछ भी नहीं होता। मनपसंद शादी के लिए बड़े जतन करने पड़ते हैं।

खासकर प्रेमियों को इस संबंध में कई तरह की बाधाएं पार करनी पड़ती हैं। परिवार और समाज के लोगों की बुरी नजरों से बचना होता है। प्रेम-विवाह के लिए अपने भी दुश्मन की तरह पेश आते हैं। कई बार लड़की की शादी में काफी विलंब होने लगता है।

अपनी पसंद से शादी करने की दुआ

अपनी पसंद से शादी करने की दुआ

करियर बनाने के चक्कर में शादी की उम्र निकलने वाली होती है। यही हाल लड़कों का भी होता है। मनपसंद जीवनसाथी नहीं मिलने की स्थिति में आधी दशक जितनी उम्र निकल जाती है। जीवन में कई लड़कियांे के आने के बावजूद रिश्ता तय नहीं हो पाता है।    

आप भी इन्हीं में से कोई एक तो नहीं? क्या आपकी किसी मनपसंद लड़की से शादी करने की खवाहिश है? क्या आपका प्रेमी शादी करने से मुकर रहा है? या आप अपने पैरेंट्स या वालिद को अपनी पसंद के लड़के से शादी करने लिए राजी नहीं कर पा रही हैं।

यदि हां तो ‘ अपनी पसंद की शादी की दुआ या वजीफा ’ को फौरन पढ़ना शुरू कर दीजिए। इस वजीफे को विवाह को इच्छुक लड़का या लड़की किसी भी मुनासिब दिन और मुनासिब वक्त में पढ़ सकते हैं।

यदि कोई लड़की अपने महबूब या कोई लड़का या कोई लड़की अपनी महबूबा से शादी के लिए तड़प रहे हैं तो या इसके लिए महत्वपूर्ण सुराह अल मुमतहान का पालन करना होता है।

यानी कि अव्वल ओ आखिर दुरूद-ए-पाक के साथ वजीफे को पढ़ने की संख्या और अमल का तरीका सही होना चाहिए। इस बारे में किसी जानकार मौलवी से पता कर लें। वैसे वजीफा पढ़ने का सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है-  

    • सब से अव्वल अच्छे तरीके से वुजू बना लें और काबा की तरफ मुंह कर नमाज पढ़ने के तरीके के अनुसार बैठ जाएं।
    • अव्वल कोई सी भी दुरूद-ए-पाक, जो आपको अच्छी तरह से याद हो, ग्यारह (11) मरतबा पढ़ें।
    • उसके बाद फिर कुरआन पाक के पारा अदद अठाईस में मौजूद सूराह अल-मुमतहाना (मुमतहिना) की सात मरतबा तिलावत करें। ये कोई मुश्किल नहीं है। इसमें सिर्फ 13 आयात दिए गए हैं। इसे इसे सात बार पढ़ने में अधिक से अधिक बीस मिनट का समय लग सकता है। 
    • आखिर में फिर वही दुरूद-ए-पाक जो शुरू में पढ़ा गया था, को ग्यारह मरतबा पढ़ें। 
    • अगर कोई किसी खास शख्स को पसन्द करता है और उनसे निकाह की नियत से इस अमल पढ़ रहा है, तो इसे पढ़ने के बाद उसे अपनी पसन्द की शादी की खूब दिल से दुआ करना चाहिए।
    • इसी तरह से अगर कोई युवा एक काबिल और अच्छा रिश्ता पाने के लिए वजीफा पढ़ रहा है तो उसे चाहिए कि वह अल्लाह ताला से अच्छे, काबिल और नेक रिश्ता मिलने की दुआ करे। 
    • इस वजीफा की मियाद 41 दिन। यानी कि इस वजीफा को लगातार 41 दिन पढ़ना होगा। इन्शा अल्लाह ने चाहा एवं आपकी तहेदिल से ईमानदार नीयत से दुआ कुबूल की गई तो 41 दिन से पहले ही आपकी दिली तमन्ना पूरी हो जाएगी। आपका अपनी पसन्द की जगह रिश्ता तय हो जाएगा। यहां तक कि उनसे निकाह भी हो जाएगा।
    • अगर 41 दिन से पहले ही रिश्ता तय हो जाए या शादी हो जाए तब भी वजीफा पूरे 41 दिनों तक करना होगा। 
    • इस दरम्यान जुम्मा पड़ने की स्थिति में पहले जुम्मे की नमाज पढ़ना चाहिए।
    • सावधानी के तौर पर इस वजीफे की आमल के लिए खवातीन को ध्यान देना होगा। उसे इसकी शुरूआत माहवारी के दिन में नहीं करनी होगी और इसके दरम्यान इसका समय आने पर अल्लालता से माफी मांगते हुए उन दिनों के लिए रोक देना होगा। 

जल्द शादी और वालिद को राजी करना  

शादी में देरी होने या शादी की उम्र निकले जाने की स्थिति में पसंद की शादी का कुरआनी अमल करना सही होता है। इससे शादी के लिए आने वाली रूकावटें दूर हो जाती हैं। यदि किसी लड़की के महबूब के वालिद शादी के लिए राजी नहीं हो रहे हों

और उसके द्वारा लाख मनाने के बावजूद उनका जवाब नहीं में मिल रहा हो तो पैरेंटस को राजी करने का वजीफा पढ़ें। इसका मां-बाप पर मुकम्मल असर होता है। ग्यारह दिनों मंे पूरा किए जाने वाले इस वजीफे के अमल का सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार हैः-

  • वजीफ पढ़ने से पहले ताजा वजु कर लें और नमाज पढ़ने के तरीके के अनुसार बैठ जाएं। 
  • उसके बाद तीन मरतबा सुराह यासीन पढ़ें।
  • और फिर ‘या अल्लाहु या फत्ताहु को 300 बार पढ़ें।
  • वजीफा पढ़ने के बाद अल्लाह ताला से अपनी परेशानी दुर करने या उसे हल करने का कोई तरीका निकालने की दुआ करें।
  • इंशाअल्लाह इसका असर एक सप्ताह में ही दिखने लगेगा। आपके या महबूब के वालिद निकाह की तरीखें तय कर सकते हैं। 
  • इस अमल के बीच में जुम्मा पड़ने पर पहले जुम्मे की नामज पढ़ें। इसक अतिरिक्त दिए लड़का और लड़की दोनों नीचे दिए गए वजीफे को भी करें।
  • वजीफे की शुरूआत में 11 बार दुरूद शरीफ पढ़ें।
  • उसके बाद 1001 मरतबा या वादूदू पढ़ें। 
  • आखिर में एक बार फिर से 11 बार दुरूद शरीफ पढ़ें और नमक पर दम कर दें।
  • उस नमक को वालिदा के खाने में मिला दें। नमक मिले खाने के व्यंजन को बहुत ही तारीफ के साथ पेश करें।
  • इंशाअल्लाह इसका असर कुछ दिनों में ही दिख जाएगा और वालिद शादी के लिए राजी हो जाएंगे। 

दुआ और टोटका

पसंद के लड़के से शादी करने के लिए किए जोने वाले अमल में एक टोटका भी शामिल है। जिसे कोई भी महबूबा आजमा सकती है। तरीका इस प्रकार है-

    • नमाज के बाद स्नान कर लें और तजा वजु बनाकर साफ जगह पर बैठ जाएं।
    • महबूब के पसंद का कोई सामान, जैसे कपड़ा, रूमाल, घड़ी, पर्स, कलम आदि अपने हाथ में ले लें
    • तीन बार दुरूद शरीफ पढ़ने के बाद 100 बार दुआ ऐसामहुम ली अनअलजावज में उनहीबब पढ़ें।
    • उसके बाद फिर से दुरूद शरीफ पढ़ें और आखिर में अल्लाह से रूआंसा होकर दुआ करें।
    • इस अमल को 21 दिनों तक लगातार करें। ध्यान रहे कि इसकी शुरूआत माहवारी के समय में नहीं करें। 
    • इंशाअल्ला इस दुआ का असर एक सप्ताह में दिखेगा, लेकिन दुआ को नेक दिल और नीयत से पूरा करें।

किसी के दिल में मोहब्बत डालना

Please rate this

Review अपनी पसंद से शादी करने की दुआ.

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

*