घर में सुकून के लिए वजीफा 5/5 (11)

घर में सुकून के लिए वजीफा – Ghar Mein Sukoon Ke Liye Wazifa

घर में सुकून के लिए वजीफा – Ghar Mein Sukoon Ke Liye Wazifa, घर में सुकून और सुख-शांति तभी बनी रहती है जब परिवार के सभी सदस्यों में एकजुटता, आपसी सहयोग एवं मिल्लत की भावना कायम रहे। किसी भी तरह का वैचारिक मतभेद नहीं होने पाए।

बात-बात पर लड़ाई-झगड़ा नहीं हो। आमतौर पर मिंया-बीबी या सास-बहु के बीच, भाई-भाभी के बीच और नानद-भौजाई के बीच छोटी-छोटी बातों पर ताने और तना-तनी को माहौल बन जाता है। यहां तक कि बाप-बेटे के बीच भी आपसी मनमुटाव की स्थिति पैदा हो जाती है।

घर में सुकून के लिए वजीफा

घर में सुकून के लिए वजीफा

बेटे की मनमानी पर अंकुश लगा नहीं कि वह अपने बाप से ही झगड़ बैठता है। पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बने रहने से भी इंसान का घरेलू जीवन सुखद बना रहता है।

ऐसा नहीं होने पर घर में कलह का माहौल बन जाता है और बरकत रूक जाती है। इस संबंध में कुरान की आयतों के जरिए वजीफे का अमल करना चाहिए। नेक-नीयत और नियम के साथ पढ़ा जाने वाला वजीफा हैः-   

  • वजीफाः व ना जा ना मा फी सुदुद्रिहिम मिन गिल्लिन इख्वानान अल सुरुरिम मुताकाबिलिन।
  • घर में अमन-चैन और सुकून का वजीफा पढ़ने से पहले इस्लामी एस्ट्रोलाजर से सलाह लेना जरूरी है। उनकी सलाह के अनुसार ही वजीफे का अमल नेक-नीयत के साथ करना चाहिए।
  • इसे दिन में या रात में किसी भी समय पढ़ा जा सकता है। कोई विशेष आयाजन की जरूरत नहीं होती है। एक बुलंद विश्वास के साथ वजीफा पढ़ा जाना चाहिए कि घर मंे अच्छे फरिश्ते का प्रवेश हो पाए। अल्लाह की रहमत के लिए उनसे दुआ करें।
  • घर हो या फिर मस्जिद में हर नमाज के बाद इस वजीफे को पढ़ें। इसका अर्थ यह हुआ कि आपको पांचों वक्त की नमाज को पूरी पाबंदी से पढ़नी होगी।
  • नमाज अता करने के बाद पहले दारूद शरीफ तीन बार पढ़ें उसके बाद वजीफा को कम से कम 11 और अधिक से अधिक 51 बार अवश्य पढ़़ें। अंत में दारूद शरीफ पढ़ लेने के बाद घर के जिन सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े होते हों उनपर तीन मरतबा दम करें।
  • इंशा अल्लाह कुछ दिनों में ही घर के सदस्यों के बीच आपसी मनमुटाव खत्म होने लगेगा और घर में अमन-ओ-सुकून हो जाएगा। 

खत्म करें घरेलू झगड़े

 घर-परिवार में छोटे-छोटे झगड़े को खत्म कर घरेलू माहौल में सुकून लाया जा सकता है। इसके लिए बताए गए वजीफे को निम्न प्रकार से पढ़ा जाना चाहिए।

  • नमाज पढ़ने के बाद वजू बनाएं और नौ मरतबा दरूद शरीफ पढ़ें।
  • उसके बाद 112 बार दारूद पाक को पढ़कर पानी का दम करें और घर के सभी सदस्यों को पीने के लिए दें।
  •  फजर की नमाज के फौरन बाद का समय दारूद पाक वजीफे को पढ़़ने का सबसे बेहतर समय होता है। 
  • इसे कम से कम 11 दिनों तक रोजाना पढ़ा जाना चाहिए। इसके पढ़ते ही वैसी घरेलू परेशानियां दूर हो जाएंगी, जो लड़ाई-झगड़े का कारण बनते हैं।

सभी घरेलू मुश्किल से निजात पाने का अमल

 घर में कई तरह की समस्याओं के आ जाने से छोटी-बड़ी मुश्किलों का सिलसिला चल पड़ता है। उनमें कुछ अपनी गलतियों और अनदेखी की वजह से होती हैं तो कई बार मुश्किलें आकस्मिक आ जाती हैं।

उनसे निजात पाने के लिए एक वजीफे को अमल में लाना ही काफी होता है। दफा-ए-परेशानी के तौर पर सर्वाधिक चर्चित वजीफा है- बिसमिल्लाह हिर रहमान निर रहीम। 

हर परेशानी से निजात दिलने वाले इस दुआ का पढ़ने का तरीका काफी सिलसिलेवार से तरीके से होना चाहिए। वे तरीके इस प्रकार हैंः-

  • घर की परेशानियां जैसी भी हों उससे निपटने के लिए हिम्मत और हौसले की जरूरत होती है। यह वजीफा इंसान में वही हौसला देता है, जिससे वह आंतरिक ऊर्जा से भर जाता है और अल्लाह का नाम लेकर मुश्किलों को परे धकेलने सफल हो जाता है। यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि बगैर पेरशानियों के जिंदगी लुत्फ नहीं लिया जा सकता है। 
  • इस संबंध में एक घटना है- हजरत जैद रादी अल्लाहु अन्ह के सामने भी एक वक्त ऐसा आया था जब उन्हें एक जल्लाद ने पकड़ लिया था। उन्हें वह कत्ल करने वाला था। तब जनाब ने इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए तीन मरतबा या अर हमार रहेमीना पढ़ दिया। उनके जुबान से ये अल्फाज निकले ही थे कि अल्लाताला ने तुरंत एक फरिश्ता भेजा। फरिश्ते ने तुरंत अपना काम किया और जनाव को जल्लाद से मुक्त करवा दिया। हमारी मुसीबतें वैसे ही जल्लाद की तरह हैं, जिन्हें खात्मे के लिए अल्लाह फरिश्ता तभी भेजता है, जब कोई मुसीबत का मारा उनसे दुआएं करता है। 
  • मुसीबतों से छुटकारा पाने के लिए पांचो वक्त का नमाज पढ़ें और साथ में दुरूद पाक को 11 बार जरूर पढ.ें।
  • जो कोई सभी वक्त का नमाज पढ़ने असमर्थ हैं उन्हें किसी जानकार मौलवी की सलाह से वजीफे की ताबीज पहनना चाहिए। परंतु हां दिन में कम से कम एक वक्त का नमाज अवश्य पढ़ना चाहिए।

घरेलू सुकून मिंया-बीवी की बदौलत

हर परिवार में मिंया-बीवी को चाहिए कि वे अपनी निजी समस्याओं को शिकायतों से नहीं, बल्कि सुलझाने के तरीके दूर करें। इससे बात-बात पर लड़ाई-झगड़े की नौबत नहीं आएगी। इसके साथ ही दोनों को अल्लाहताला से घर में बरकत के लिए दुआएं करें। वजीफा पढ़ें।

पांचों वक्त का नमाज अदा करें। अगर घर की आर्थिक हालत बिगड़ गई हो। कोई दुश्मन परेशान कर रहा हो। बीमारियांे ने घेर रखा हो। कारोबार में बाधाएं आ रही हों, तो मिंया-बीबी मिलकर इनसे निपटने का हौसला बुलंद करें।

पहले एक-दूसरे में मोहब्बत जगाएं फिर नियम के साथ वजीफा पढ़ें। दोनों साथ बैठकर रात को दस बाजे के बाद रोजान दारूद पाक 3125 मरतबा पढ़ें। इसके अलावा रोज दिन में एक बार नमाज के बार दारूद पाक को ही 11 बार जरूर पढ़ें। ऐसा करने से उनमें जबरदस्त हिम्मत आएगी और वे मुस्कुराकर मुसिबतों का समाना करेंगे।

इसके साथ ही घर में सभी तरह की समस्याओं को दूर करने का वजीफा पढ़ा जाना चाहिए। इनके लिए जानकार मौलवी से संपर्क कर समस्याओं के अनुसार वजीफा पढ़ने का तरीका अपनाना चाहिए। हालांकि घर में अमन-शांति लाने का सारा दारोमदार दंपतियों पर ही होता है। इसलिए परिवार में चाहे जितने भी दंपति रहते हैं,

सभी को घरेलू सुकूल का वजीफा पढ़ना चाहिए। जैसे सामान्य संयुक्त परिवार में मात-पिता, भाई-भाभी आदि को मिलकर घरेलू शांति कायम करने का वजीफा अमल में लाना चाहिए। घर की बेटी भी अल्लाह ताला से अपने ससुराल के अलावा अपने मायके के परिवार के सुख की कामना कर सकती है।         

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घर में खैर ओ बरकत की दुआ

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