जुम्मा के दिन का वजीफा 5/5 (8)

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जुम्मा के दिन का वजीफा

Jumma Ke Din Ka Wazifa

जुम्मा के दिन का वजीफा – Jumma Ke Din Ka Wazifa, इंसान के जीवन में कई तरह की मुश्किलें आती रहती हैं। कुछ आकस्मिक आ जाती है, जबकि कुछ मुश्किलें कामकाज, परिवार, रिश्ते-नाते आदि से जुडी होती हैं।

हर शख्स मुश्किल की घडी मंे अल्लाताला को याद करता है। उनसे आयतों के जरिए दुआएं करता है और वजीफा पढता है। मनचाही मुराद हासिल होने की कामना करता है, लेकिन कई बार देखा गया है कि दुआ या वजीफा भी कोई काम नहीं आता है।

जुम्मा के दिन का वजीफा

जुम्मा के दिन का वजीफा

इसकी शिकायतें लेकर बहुत से शख्स मौलवी के पास जाते हैं। उनसे मिन्नतें करते हैं कि अल्लाहताल दुआ कुबूल नहीं करते हैं। ऐसा उनको लगता है, जबकि सच यह नहीं है। अल्लाताला की निगाह अपने सभी हाजत पर रहती है।

दुआ या वजीफा का अमल कोई भी, कभी भी नेक नियत और सच्चे दिल से कर सकता है, लेकिन जुम्मे के दिन का वजीफा विशेष असर दिखाता है। इसके जरिए कोई भी पुरानी ख्वाहिश पूरी की जा सकती है।

  बेहतरीन वजीफा 

अल्लाह की शान का बयान करना और अल्लाह के रहमोकरम की ताकत को महसूस करना कोई आसान नहीं होता है। परंतु हां, यदि कोई उनकी शान और बादशाहत की तारीफ करता है, तो उसकी हर दुआ या वजीफा कुबूल हो जाती है।

अयातुल कुरसी का वजीफा की फजीलात  को इसी वजह से जाना जाता है। इसके अमल से दुआ कुबूल होने की सुरत नजर आने लगती है। इसे बेहतरीन वजीफा कहा गया है। यह ऐसे लोगों के लिए है, जो खुद को किस्मत का मारा हुआ समझते हैं।

हालांकि यह सोच जेहन में रखना दुरूस्त नहीं है। यह नहीं भूलना चाहिए कि अल्लाह हर एक की दुआ सुनता है। किसको कब और कैसे देना है बस यह मुकर्रर करने वला सिर्फ अल्लाह ही है।

हमें सिर्फ दुआ या वजीफा कुबूल होने की निशानियां मालूम होनी चाहिए। दुआ कुबूल होने के वास्ते वजीफा अमल बेहरीन तरीके पर एक नजर-

    • सबेस पहली समझ वजीफे के लिए सही दिन तय करने की जरूरी है। यदि कोई शख्स चाहता है कि उसकी मनमाफिक ख्वाहिश जल्द से जल्द पूरी हो जाए तो उसे जुम्मे के दिन यानी शुक्रवार को असर की नमाज से फारिग होकर इस वजीफे को अमल में लाना चाहिए।
    • ताजा वजू करें और घर के एक काने मंे मक्का मदीने की तरफ मंुह कर साफ चादर पर नमाज आता करने की हालत में बैठ जाएं।
    •  बिस्मिल्लाह शरीफ के साथ आयत-उल-कुर्सी सत्तार को 70 मरतबा पढें।
    • उसके बाद दोनों हाथ  ऊपर उठाकर जो भी ख्वाहिश है उसे पूरा होने की अल्लह से दुआ करें। साथ ही जो भी हाजत हो उसे पूरी होने की दुआ करंें। 
    • इस हर जुम्मेरात को अवश्य करें। आप पाएंगे कि तीन – चार बार के बाद ही मनमाफिक मुराद पूरी हो जाएगी।
    • यहां गौर करने की विशेष बात औरतों के संबंध में है कि वे इसे माहवारी के दौरान कतई नहीं करे। 

विविध खवाहिशों का वजीफा 

जुम्मा के दिन अमल मंे लाया जाने वाला वजीफा हर मकसद को पूरा करने के लिए किया जाता है। जैसे मनपसंद जीवनसाथी के वास्ते निकाह, अच्छी नौकरी या रोजगार, कारोबार में बरकत, बीमारी से छुटकारा, धन-दौलत और दांपत्य जीवन मंे बेशुमार मोहब्बत कायम करने के लिए किए गए वजीफे के बेहतरीन नतीजे आते हैं। कुछ वजीफे इस प्रकार हैं।

निकाह का वजीफा- जिस किसी लडकी या लडका के निकाह में देरी हो रही हो उसे 1111 बार जुम्मे के दिन वजीफा पढना चाहिए। इसे पैरेंटस यानी माता-पिता भी अपनी संतान के लिए पढ सकते हैं। वजीफा है– या वदुदु या लातीफु।  इस वजीफे के अतिरिक्त बेटी का रिश्ता नहीं मिलने की स्थिति में या अदलु अल्फाज का उच्चारण करें।

 

इसे लडका या लडकी अपने लिए भी पढ सकते हैं। उन्हें भी इसे जुम्मे के दिन सभी नमाज आता करने के बाद रात के 11 बजे के बाद इसका अमल करना चाहिए। सिलसिलेवार तरीक है-

    • घर के शांत जगह में साफ चादर पर बैठ जाएं और जिससे निकाह होनी है उसकी तस्वीर अपने सामने रखें।
    •  शादी के लिए सुराह ताहा की आयत नंबर 31 और 31 को छोटी से पर्ची पर लिखकर अपने वाजू में बांध लें।
    • उसके बाद ऊपर दिए गए वजीफे को 1111 बार पूरी शिद्दत के साथ बगैर रूकावट के पढें। वजीफे के पहले और अंत में 11-11 बार दारूद शरीफ अवश्य पढें।
    • अत में अल्लाताला से खूब तबज्जो करते हुए पूरे ध्यान के साथ अपनी शादी की दुआ करें।

तरक्की का वजीफा- किसी को तरक्की तभी हासिल हो पाती है जब उसके पास मुकम्मल रोजगार हो या फिर संतोषजनक नोकरी है। इस संबंध में बेरोजगारी दूर करने का वजीफे को अगर जुम्मे के दिन से शुरू किया जाए और 11 या फिर 21 दिनों तक अमल मंे लाया जाए तो यह बहुत ही कारगर साबित होता है। पोजेटिव रिजल्ट आते हैं। उसका तरीका इस प्रकार है- 

    • बेरोजगारी को खत्म करने का वजीफा तीन सूरतों में किया जा सकता है। पहला, अगर कोई  बेरोजगारी से तंग है और नौकरी हासिल करना चाहता है तो अल्लाह ताला पर यकीन रख कर बस पूरे शरीयत से अमल करना चाहिए।
    • दूसरा, अगर किसी को नौकरी से हटा दिया गया हो और वो दुबारा वही या कोई दूसरी नौकरी पाना चाहता हो।
    • तीसरी सूरत में अगर कोई व्यक्ति मुल्क के बाहर नौकरी करने के लिए जाना चाहता हो।
    • ऊपर की तीनों में से किसी भी सूरत में जुम्मेरात को ताजा वुजू बना लें। इसकी तैयारी ईशा की नमाज से फारिग होने के एक-दो घंटे बाद भी इसे किया जा सकता है। 
    • साफ चादर पर बैठने के बाद सबसे कुल 11 मरतबा दुरूद शरीफ को पढें। 
    • उसके बाद  समी’उ” का विर्द एक सौ अस्सी मरतबा, “या वसी’उ” का विर्द 137 मरतबा और या रज्जाकू का विर्द 308 मरतबा करें।
    • आखिर में फिर से 11 मरतबा दुरूद शरीफ का विर्द करें और फिर हाथ उठाकर अल्लाह ताला से अपनी नौकरी के लिए दुआ करंे।  
    • इस वजीफे को नौकरी मिलने तक रोजाना करें।  इसे युवतियां भी कर सकती हैं, लेकिन वे हैज/माहवारी की हालत में नहीं करे।

काला जादू- कई बार काला जादू की वजह से भी कामकाज बाधित हो जात है और तरक्की रूक जाती है। पैसा अटक जाता है। इसका शक होने की सूरत में मौलवी से सलाह मश्विरा लेकर काल खत्म करने का वजीफा इस्तेमाल कना चाहिए।

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परेशानी दूर करने का वजीफा

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