नाजायज तालुकात खत्म करने का वजीफा 5/5 (10)

नाजायज तालुकात खत्म करने का वजीफा

Najaiz Taluqat Khatam Karne Ka Wazifa

नाजायज तालुकात खत्म करने का वजीफा – Najaiz Taluqat Khatam Karne Ka Wazifa, आजादख्याली और आधुनिक रहन-सहन के खुलेपन के दौर में औरत और मर्द के बीच नाजायज तालुकात बनते देर नहीं लगती है। थोडी सी छूट मिलते ही शौहर और बीवी के बीच कोई तीसरा आ घुसता है।

शौहर हो या फिर बीवी, उनके किसी दूसरे के साथ नाजायज रिश्ते बन जाते हैं। ऐसे मंे दांपत्य जीवन और घर-परिवार की सुख-शांति छिन जाती है। कई बार इसकी वजह से तलाक और दूसरे नुकसान होने तक की भी नौबत आ जाती है।

नाजायज तालुकात खत्म करने का वजीफा

नाजायज तालुकात खत्म करने का वजीफा

इसी तरह के हालात प्रेमियों के बीच भी बन जाते है। यानी इंसानी फितरत ही ऐसी होती है कि जो उसके पास होता है वह उसकी कद्र नहीं करता है और जो नहीं होता उसके पीछे-पीछे भागता फिरता है। यही बात शौहर की बीवी पर भी लागू होती है।

जो बीवी उसकी खिदमत करती है वह उसकी कद्र नहीं करता है और घर के बाहर दूसरी औरत से चक्कर चलाता है। नाजायज रिश्ते बनता है, जिसे औरों की नजर से छिपाकर रखता है। हालंकि एक न एक दिन इसका भेद खुल ही जाता है।

कोई औरत अगर अपने शौहर के नाजायज रिश्तों से बेजार है और उसे किसी हाल में रो नहीं पा रही है तो उसे नाजायज तालुकात खत्म करने के वजीफे का अमल करना चाहिए।

नाजायज रिश्ते पर वजीफे की प्रहार

अगर आपके शौहर के दूसरी औरतों से तालुकात कायम करते हैं और आपसे ज्यादा दूसरी औरतों में दिलचस्पी रखते हैं तो आपके लिए बहुत जरूरी है कि आप तुरंत की नाजायज तालुकात खत्म करने की दुआ या वजीफा पढें।

आपकी इस वजीफे के अमल का शौहर के नाजायज तालुकात पर जबरदस्त प्रहार  होगा। चाहे कितनी भी इसमें मधुरता क्यों न हो वह दूसरी औरतों से नाजायज रिश्तों को छाड देगा और आपमें दिलचस्पी लेने लगेगा। इसके अच्छी नीयत और पाक-साफ दिल से इस्तेमाल करने का तरीका इस प्रकार होना चाहिए। 

    • कुराआन के इस वजीफे को रात में शौहर के सोने के बाद पढें। समय रात के 11 बजे और 1 बजे के बीच का रखें। 
    • इस वजीफे का अमल 11 दिनों में पूरा करना होगा।
    • सुराह मैदाह की आयत100 को 141 बार पढना होगा। 
    • पढा जाने वाला वजीफा है- 

बिस्मिल्लाह रहमाननीर रहीम, इजाजुल जिातीत अरदु जिल जालाह। 

वा आख राजातिल अर्दु अथकालाह, वा कालाल इंानु मा लाहा।

यावमं इतिन तुहाद दिथु अखबाराहा, बी-अन्ना रब्बाका अवहा लाहा।

यावमा इतिनी यास दुरुन नासु आश ताताल लियुराव अमालाहुम।

फामेयया माल मिथकाला जर्राहतिन कहाइ रइ-याराह 

वा मेइ-यामद मिथक्ला जर्रातिन शर्रारई-यराह। 

    • वजीफा पढने, जिसकी संख्या 11000 बार होनी चाहिए, से पहले और उसके बाद दुरूद शरीफ 11 बार अवश्य पढें। यानी कि एक दिन में 1000 बार वजीफ पढना है।
    • अंत में साथ रखे पानी या खाने की किसी मीठी वस्तु पर पर दम करें। अगले रोज मीठी वस्तु या पानी किसी भी बहाने से शौहर को खाने या पीने के लिए दे दें। 
    • वजीफा पढने के बाद दोनों हाथ ऊपर उठाकर अल्लाह से पूरी सिद्दत के साथ दुआ मांगें। मिन्नत करें कि आपके शौहर का जिस किसी के नाजायज तालुकात चल रहे हैं वह खत्म हो जाए और उसका बसा-बसाया घर आबाद हो जाए।
    • इस आरजू के बाद अल्लाह आपकी दुआ जरूर कुबूल कर लेंगे और आपके शौहर अपना गलत रिश्ता जल्द से जल्द खत्म कर देंगे।
    • यदि आपको वजीफा करने कोई मुश्किल आ रही हो तो आप सबसे पहले इस्लामी मौलवी से बात कर इसकी पूरी जानकारी और इस दौरान बरती जानेवाली हिदयतें हासिल कर लें। वजीफे की लाइन याद कर लें।

हलाल मकसद से किया जाने वाला वजीफा

चाहे जिस काम के लिए वजीफा अमल में लाया जाए उसका मकसद हमेशा हलाल मकसद का होना चाहिए। हलाल मकसद का मतलब यह है कि इसे एक औरत अपने शौहर के लिए कर सकती है अगर उसके शौहर का किसी से नाजायज तालुकता है। या फिर एक आदमी आपनी बीवी के लिए कर सकता है

जिसकी बीवी के किसी गैर मर्द से तालुकात हो। इसी तरह से एक मां-बाप भी अपनी बेटी के नाजायज रिश्ते को खत्म करने के लिए इस वजीफा को कर सकता है। या कोई मां-बाप अपने उस बेटे के लिए भी कर सकता है, जिसके किसी गलत औरत के साथ जिस्मानी तलुकात की जानकारी हो। इसका तरीका इस प्रकार बताया गया है-

    • इस वजीफे में सात बनोला अर्थात रूई के बीज का इस्तेमाल करें।
    • किसी भी दिन इसे किया जा सकता ह, लेकिन जुम्मे के दिन से करना ज्यादा सही माना गया है। समय रात के दस बजे के बाद का होना चाहिए।
    • घर के एक कोने में जमीन पर साफ चादर बिछाएं। उसके बाद वजू कर लें।
    • अपने हाथ में बनाला के बीज के एक दाने को लेकर उसपर सुर जिलजाल पढ कर दम करें।
    • जिसके लिए वजीफा किया जा रहा है उसका नाम मां के नाम के साथ लें। अपने दोनों हाथ उठाकर अल्लाह से संबंध सुधारने के लिए मिन्नत करें।
    • बनोले के उस दाने को कोयले की आग में जला दें। ऐसा सात दिनों तक एक-एक दानें के साथ करें। इसके लिए पढा जाने वाला वजीफा  ऊपर के अमल में बताया गया है।
    • हिदायत के तौर पर इसे यदि कोई औरत करना चाहती है तो इसकी शुरूआत माहवारी के दिन नहीं करे।
    • विशेष- इस वजीफे से दो गलत रिश्तों में बंधे औरत-मर्द को जुदा किया जा सकता है, लेकिन यह ध्यान रहे कि इसका इस्तेमाल सही रिश्ते को तोडने के लिए नहीं किय जाना चाहिए।

बीवी को सुधारने की दुआ

यदि किसी आदमी को मालूम हो जाए कि उसकी बीवी के साथ उस गैर मर्द के तालुकता बन गए हैं, जिससे कभी वह मोहब्बत करती थी। कई बार शादी के पहले के वैसे रूहानी रिश्ते अचानक फिर से ताजा हो जाते हैं। इसे तरीके से खत्म किया जाना चाहिए। उस तालुकता को नाजायज बनने से पहले ही खत्म करने के लिए ऊपर बताए गए वजीफे का अमल किया जाना चाहिए।

शौहर को चाहिए कि वह अपनी बीवी को उसके खिलाफ तलाक जैसी कडी कार्रवाई करने से पहले सुधरने का एक मौका अवश्य दे। इस वजीफे को भी शौहर द्वारा 11 दिनों में पूरा करना है और खाने की बीवी की पसंद की मीठी चीज पर दम कर उसे प्रेम से खिला देना है। इससे न केवल नए सिरे से आपसी प्रेम पनप जाएगा, बल्कि आपसी मिंया-बीवी के संबंध मंे पुख्ता मजबूती भी मिल जाएगी।  

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