मोहब्बत का सिफली अमल 5/5 (36)

मोहब्बत का सिफली अमल – Mohabbat Ka Sifli Amal

मोहब्बत का सिफली अमल – Mohabbat Ka Sifli Amal, प्यार-मोहब्बत इंसान का इंसान के साथ बने रिश्ते का एक पवित्र रूप होता है। विशेषकर दो विपरीत लिंगों के इंसान के बीच पैदा होने वाला मोहब्बत एक जज्वाती एहसास है।

स्त्री और पुरुष इसी  एहसास की बदौलत एक-दूसरे की भवनाओं को महसूस करते हैं। साथ निभाने के वादे को पूरा करते हैं। एक-दूजे के आदेशों का साहर्ष पालन करते हैं और एक मुकम्मल परिवार और समाज को मजबूत बनाते हैं।

मोहब्बत का सिफली अमल

मोहब्बत का सिफली अमल

ऐसे इंसान का दंापत्य जीवन सुखमद गुजरता होता है, जिन्हें देखकर न केवल उनके रिश्तेदारों को खुशी मिलती है, बल्कि अल्लाहताला भी खुश होते हैं।

शौहर और बीवी के बीच बेपनाह मोहब्बत के जज्वात असानी से नहीं पैदा हो पाते हैं। परंतु जब उनके बीच एकबार इसकी लगन लग जाती है तब वह ताउम्र बनी रहतीं है। अक्सर बीवी को शिकायत रहती है कि उसका शौहर उससे मोहब्बत नहीं करता है।

उसकी मनो-भावना को नहीं समझ पाता है। प्यार से बातें नहीं करता है। ऐसा सही जीवनसाथी के नहीं मिलने के कारण होता है। या फिर बीवी भी अपने शौहर के दिल में अपने मोहब्बत की जगह नहीं पाती है।

इस स्थिति में बीवी को इस्लाम में बताए गए मोहब्बत के सिफली अमल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए दुआओं या वजीफों की कई आयतें दी गई हैं।

यदि आप दुखी हैं कि आपके शौहर आपके ऊपर ध्यान नहीं देते हैं, जिसके आप हकदार हैं या जीवन की महत्वपूर्ण चीजों पर आपकी राय नहीं लते हैं। इस कारण आपको अनदेखा महसूस होता है, तो किसी अच्छे जानकार मौलवी से मिलकर मोहब्बत जगाने वाले जादूई यानी सिफली दुआ इस्तेमाल करने के बारे में पता करें।

वही आपको दुआ करने की सही प्रक्रिया को और समय बताएंगे। याद रखें कि इस्लाम में कुरान की पवित्र पुस्तक में कई दुआएं दी गई हैं, जिनसे लव-लाइफ को मजबूती प्रदान की जा सकती है। मौलवी के मार्गदर्शन में किए गए दुआ से पति अवश्य ही अपको मोहब्बत भरी नजर से देखेगा। दुआ का सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार है-

  • किसी व्यक्ति के दिल में मोहब्बत जगाने और प्यार में पागल करने वाले दुआ मुजरेब को सात दिनों तक पूरी शिद्दत के साथ पति का नाम लेकर पढ़ा जाना चाहिए। इसकी शुरूआत शनिवार और मंगलवार को छोड़कर किसी भी दिन की जा सकती है। समय अपनी सुविधानुसार तय कर सकते हैं।
  • इसके लिए एक ताबीज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसपर पति का नाम लिखा होना चाहिए। इस ताबीज को दुआ के पाठ से ऊर्जान्वित किया जाता है।
  • दुआ पढ़ने से पहले इशा की नमाज और दारूदे शरीफ को अव्वल और आखिरी बार कम से कम तीन बार अवश्य पढ़ा जाना चाहिए।
  • दुआ पढ़ने के बाद मिठाई को एक कपड़े से ढंककर आल्लाह के 99 नामों को भी पढ़ा जाना चाहिए। उसपर सात बार फूंक मारना चाहिए। यह मिठाई पति को खोन के लिए देना चाहिए। 

सिफली असर का वजीफ

सिफली असर का वजीफ, किसी को मोहब्ब में अपना दीवान बना देने के इस सिफली वजीफे को विवाहितों के अलावा प्रेमी-युगल भी कर सकते हैं।

इसके प्रयोग से बेरूखी नजरिया रखने वाले प्रेमी या प्रेमिका के दिल में बेपनाह मोहब्बत जगाई जा सकती है, जिसे किसी जादू से कम नहीं कह सकते हैं। यह एक फज्र की प्रार्थना है। इसे निम्न प्रकार से पढ़ेंन्-

  • रात के 10 बजे के बाद साफ चादर बिछाकर बैठ जाएं और ताजा वजू बनाने के बाद इशा की नमाज अता करें। फिर 11 बार दरूदे शरीफ  और एक बार मुजम्मिल पढ़ें।
  • उसके बाद 11 बार सूरह काफिरोन, सूरह इखलस, सूरह फलक, सूरह वनास और अयात-अल-कुरसी पढ़ें। अंत में फिर से दरूद शरीफ 11 बार पढें।
  • इसके पूरा होते ही आपमें एक सकारात्मक ऊर्जा का जादूई संचार होगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा और अपने प्रिय के साथ मिल-बैठकर गिले-शिकवे दूर करने की हिम्मत आएगी। यहीं से मोहब्बत की शुरूआत होगी, जो आगे चलकर बेइंतहा मोहब्बत में बदल जाएगी।

लोटे से मोहब्बत का तरकीब-ए-अमल

लोटे से मोहब्बत का तरकीब-ए-अमल, मियां-बीवी या पे्रमी-प्रेमिका के बीच मोहब्बत तभी मुकम्मल हो पाती है, जब एक-दूसरे के दिल में इसके लिए दीवानगी पैदा हो जाए।

इसके लिए किए गए अमल में मोहब्बत का एक लोटा तैयार किया जाता है। इसके लिए किया जाना सिलसिलेवार तरीका है-

  • जिसके दिल में मोहब्बत जगाना चाहते हैं या फिर जिसे प्यार में अपना दीवाना बनाना चाहते हैं उसके किसी पांव के नीेचे की एक चुटकी मिट्टी एक लोटे में रखें और दुआ को सात मर्तबा पढ़ें। लोटा मिट्टी का होना चाहिए। इस इस्लामी टोटके के बारे में कहा जाता है कि इसके प्रभाव से प्रेमी या शौहर हमेशा गुलाम बनकर रहेगा और कभी छोड़कर नहीं जाएगा।
  • इस अमल को रविवार से शुरू करें। इसे एकदम से खाली जगह  पर किया जाता है। उस जगह पर सामान के नामपर सिर्फ एक चारपाई या बिछावन होनी चाहिए। उसपर एक चादर बिछी हो। रात के 10 बजे के बाद लोटे में साफ पानी भर लें और उसे एक कपड़े ढंक दें। सात मर्तबा अमल को पढ़कर दम करें और उसे सिरहाने रखकर सो जाएं। पढ़े जाने वाले अमल को मौलवी के जानकारी कर कंठस्थ कर लें।
  • सुबह का वक्त बगैर सिला हुआ कपड़ा पहनें। सूर्योदय से पहले उठकर मिट्टी रखे और पानी से भरे लोटे को लेकर पीपील के एक दरख्त के पास जाएं। उसका चक्कर लगाते हुए लोटे का पानी धीरे-धीरे कर गिराते जाएं। कुल सात चक्कर लगाएं। हर बार अमल को पढ़ें। 
  • अंतिम चक्कर में पूरा पानी गिरा दिया जाना चाहिए और चक्कर को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। इस दौरान यह ध्यान रखें कि वहां पर कोई और व्यक्ति नहीं हो। इसलिए वीरान जगह के पीपल के दरख्त का चुनाव करें।
  • इस अमल को सात दिनों तक करें। रोजाना एक ही वक्त और एक ही जगह पर किया जाना चाहिए। 
  • अंतिम दिन घर आकर उस लोटे में अपने प्रिय के पांव के नीचे की एक चुटकी मिट्टी फिर से डाल दें। लोटे केे मुंह को कपड़े से अच्छी तरह बंद कर दें। उसे घर के किसी एकांत जगह में छिपाकर रख दें। इस टोटके के बारे में मान्यता है कि जब जब लोटे में मिट्टी रहेगी तबतक शौहर का प्रेम बना रहेगा। 
  • इस अमल को मौलवी के इजाजत के बगैर बिल्कुल नहीं करें। यह एक तरह से जादुई असर देता है। साथ ही किसी व्यक्ति को अपने आकर्षण में बांधने की गलत नीयत से भी नहीं करें।  

yadi aap kisi se sacchi muhabbat karte hai or wo kisi karan se aapko hasil nahi ho pa raha ya pa rahi to aap hamara mohabbat ka sifli amal apnakar dekhe. hamara mohabbat ka sifli ilm bahut he takatwar hai or hum iske sath aapko mohabbat ka sifli taweez dege. is taweez ko hamare mohabbat ka sifli mantar se siddh kiya hua hai or ye hamare muhabbat ka sifli amal ke sath aapko aapka pyar hasil karwa dega chahe aapke raste mai kitne hi rukavate ho.

मोहब्बत में बेचैन करने का वजीफा

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