अच्छे रिश्ते आने की दुआ 5/5 (18)

अच्छे रिश्ते आने की दुआ

अच्छे रिश्ते आने की दुआ, हर लड़की या लड़का चाहते हैं कि उसके लिए अच्छा रिश्ता आए और समय रहते अच्छी जगह  शादी हो जाए। मनपसंद जीवनसाथी मिले, तकि वे सुखद दांपत्य जीवन गुजार सकें। ऐसे खुशनसीब कुछ ही होते हैं, वरना अधिकतर अच्छे रिश्ते की चाहत में परेशान और उलझे रहते हैं।

कईयों की समस्या विविध पारिवारिक और सामाजिक वजहों से रिश्ते ही नहीं आने की होती है, जिससे उनकी शादी की उम्र जाने लगती है। कुरआन मेँ इस समस्या को दुआ और वजीफा पढ़कर दूर किया जा सकता है। इसका अचूक, तेज और गहरा असर होता है। इसके पढ़ते ही रिश्ते आने लगते हैं।

अच्छे रिश्ते आने की दुआ

अच्छे रिश्ते आने की दुआ

इसके अतिरिक्त कई परिवार मेँ वालिदें अपनी संतान के लिए इतने अधिक रिश्ते देख लेते हैं कि उनके साथ-साथ लड़का या लड़की भी सही रिश्ता बनाने को लेकर दुविधा से घिर जाते हैं। इससे न तो लड़की को उसके सुयोग्य शौहर मिल पाता है, और न ही लड़के को मनपसंद बीवी की चाहत पूरी हो पाती है।

इसके लिए लड़का या लड़की, या फिर उनके वालिद भी अच्छा रिश्ता आने की दुआ पढ़़ सकते हैं। इसके जानकार मौलवी के अनुसार इसके अमल करने दौरान ही जेहन में मनचाहे जीवनसाथी की तस्वीर उभरेगी और वैसे ही रिश्ते आने भी शुरू हो जाएंगे। दुआ पढ़ने का सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार हैः-

    • अच्छे रिश्ते आने के दुआ की शुरूआत किसी भी दिन की जा सकती है। उपयुक्त समय सुबह की या शाम की नमाज के वक्त का सही होता है। पहले इंशा की नमाज के बाद 11 मरतबा दुरूद शरीफ पढ़ें।
    • उसके बाद 1100 मरतबा ‘अल्लाहुस्संमद’ पढ़ें। अपनी दोनों हथेलियों पर दम करें यानी फूंक मारें और उससे ऊपर से नीचे तक पूर जिश्म को मलें।
    • अखिर में एक बार फिर 11 मरतबा दुरूद शरीफ पढें।
    • इस अमल को लगातार 21 रोज तक एक निर्धारित समय पर करें। 
    • इस दुआ को लड़का या लड़की दोनों कर सकते हैं, लेकिन लड़की को इसकी शुरूआत माहवारी के बाद करनी चाहिए। 

जल्दी आए अच्छा रिश्ता

निकाह मेँ देरी होने की स्थिति में जल्दी रिश्ता आने की दुआ या वजीफे को वालिदें और उनकी विवाह योग्य औलादें भी पढ़ सकते हैं। इसका तरीका अल्लाहताला पर भरोस करते हुए पूरी शिद्दत के साथ अपनाना चाहिए।

अगर आपको जीवनसाथी के लिए कोई खास शख्स पसन्द है और आप उनसे निकाह करना चाहते हैं तो सबसे पहले ‘या अल्लाह निकाह इस्तिखाराह’ करें, ताकि वह आपके हक में आ जाए। फिर आप उन्ही का रिश्ता आने के लिए इस वजीफा को पढ़ें। ऐसी सूरत इस प्रकार होनी चाहिएः- 

  • जल्दी अच्छा रिश्ता आने के लिए इस अमल को किसी भी रोज शुरू किया जा सकता है। फिर भी  सबसे अफजल तो यही होगा के पांच वक्त की नमाज की पाबन्दी बनी रहे। अच्छा रिश्ता के वजीफे या दुआ की शुरूआत का सही समय पहले या अंतिम नमाज के बाद का हो सकता है।
  • वैसे हर नमाज से फारिग होने के बाद भी बताए गए ’सूराह अल-फुरकान की आयत ‘अदद 74’ को एक तयशुदा ता’अदद के साथ पढ़ सकते हैं। आयत हैः-बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम। 
  • इसे हर नमाज के बाद कम से कम 101 मरतबा या अधिक से अधिक 1100 मरतबा पढ़ना चाहिए। इसकी शुरूआत हो जाने के बाद इसमें कोई भी बदलाव नहीं किया जाना चाहिए। अर्थात हर नमाज के बाद यदि शुरूआत 101 मरतबा दुआ पढ़ने की गई है तो हर नमाज के बाद इतनी ही दुआ पढ़नी होगी। 
  • दुआ पढ़ने के बाद दोनों हाथ उठाकर अल्लाह त’आला से तहे दिल से शिद्दत के साथ नेक और और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने की आरजू करें। अगर दुआ लड़का पढ़ रहा है, तो वह दीनी, नेक और सालेह लड़की मिलने की दुआ करे।
  • अल्लाह जल्ला जलालूहू के रहम-ओ-करम से न केवल बहुत जल्दी अच्छा रिश्ता आ जाएगा, बल्कि उनसे निकाह के बन्दोबस्त भी हो जायेगी। 
  • अगर आपको लगता है कि आप किसी के टोटके या काले जादू की वजह से रिश्ता मिलने में देरी हो रही है तो ऐसे में अच्छा रिश्ता आने का यह अमल महत्वपूर्ण साबित होगा। 

वालिद का फर्ज रिश्ता पक्का करना

हर वालिद का फर्ज बनता है कि वह अपनी औलाद का रिश्ता पक्का करे। औलाद का सही वक्त पर शादी कर दे। खासकर बेटी के मामले में यह उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है और वह इसे बाखूबी अंजाम देना चाहता है। इसमंे कई अड़चनें आती हैं। रूकावटों को बु़िद्ध और विवेक से हटाना होता है।

फिर भी बात बनते-बनते बिगड़ने की स्थिति में रिश्ता पक्का होने का वजीफा पढ़ना चाहिए। ऐसे वालिद जब इस वजीफा को पढ़ेंगे तो उनकी बेटी या बेटे के लिए वाजिब और बेहतरीन रिश्ता आएगा और उनकी शादीशुदा जिंदगी भी खुशगवार होगी। वह वजीफा इस प्रकार है, जिसे सिलसिलेवार तरीके से पढ़ना चाहिए।

वजीफा: अल्लाए काफी अलकाफी वा कास साद हुल काफी

वा जाद दाहुल काफी बी काफी यल कागी वा काफी फियाल कागी

वा नी’माल काफी, वा लिल लाहिल हमद।

तरीकाः जो भी वालिद इस वजीफे का अमल करना चाहते हैं उन्हंें निम्न तरीका अपनाना चाहिए।

    • इस उम्मीद के साथ कि घर में काई बेतरीन और सबसे अच्छा रिश्ता आएगा, ऐसे वालिदों को जुम्मे की नमाज के दिन अमल की शुरूआत करना चाहिए। 
    • इंशा की नमाज के बाद 11 बार दुरूद शरीफ पढें। उसके बाद दोनों हाथें फैलाकर 111 बार वजीफे की आयत को पूरी शिद्दत के साथ पढ़ें। हो सके तो इसे पहले से कंठस्थ कर लें।
    • वजीफा पढ़ने के बाद अल्लाताला से अपनी औलाद के बारे में बताएं। यदि वह बेटी है तो उसकी खूबियों को गिनाएं। रूप-गुण, सौंदर्य, पाककला और सिलाई-कढ़ाई के विशेष गुण के साथ-साथ पढ़ाई-लिखाई आदि के बारे में तारीफ करंे। उसकी पसंद-नापसंद को बताएं। उसकी खामियों और कमजोरियों को नहीं छिपाएं, बल्कि उसे दूर करने की मिन्नतें करें। इसी के साथ उसके अनुरूप अच्छे रिश्ते की दुआ करें।  अंत में एक बार फिर से दुरूद शरीफ को 11 मरतबा पढ़ें।
    • इस वजीफे के अमल को लगातार 11 रोज तक अवश्य ंकरें, लेकिन 21 रोज तक करने से अच्छे नतीजे आते हैं। इसका असर एक हफ्ते में ही दिखना शुरू हो जाएगा। रिश्ते के लिए लोगों से मिलने-जुलने और बातचीत आगे बढने के सिलसिले में तेजी आएगी।

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