शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा 5/5 (11)

शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा

शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा, शौहर की कई बुरी आदतों में शराब की लत बहुत खराब और खतरनाक होती हैं। इससे न केवल शौहर की शारीरिक सेहत का नुकसान होता है, बल्कि उसकी बीवी भी मानसिक तौर पर परेशान होती है।

घर-परिवार और दांपत्य जीवन कलह से भर जाता है। आर्थिक नुकसान होता है। जिंदगी तबाह-बर्बाद हो जाती है। हर औरत चाहती है कि उसके शौहर को शराब की आदत नहीं लगे। यदि ऐसा हो गया तो वह बुरी आदत को छुड़ाने के लिए हर संभव कोशिश करती है।

शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा

शौहर की शराब छुड़ाने का वजीफा

इस्लाम में इसे हराम की हरकतों में से एक बताया गया है। इंसानियत और नेकी के धर्म के वास्ते इसकी सख्त मनाही है और कई अचूक उपाय के तौर पर दुआएं और वजीफे भी बताए गए हैं।

यदि इस समस्या से परेशान कोई औरत अपने शौहर से मुहब्बत पैदा करने की अल्लाह ताला से दुआ करे तो इंशा अल्लाह उनकी मुराद अवश्य पूरी करेंगे। 

ताकतवर वजीफा और दमशुदा पानी 

पहली अमलः कुरआन में शराब की आदत छुड़ाने के लिए बताए गए वजीफे में इस उपाय के तहत रोजना 11 दिनों के दौरान तक 11500 बार आयत पढ़नी होती हैं। इसके जानकार मौलवी के अनुसार परेशान खवातीन को अपने शौहर की इस आदत को छुड़ाने के लिए रात में प्रयोग करना चाहिए। शौहर जब नींद हो तब उसके सिरहाने खड़े होकर बिस्मिल्लाह हिर रहमान निर रहीम पढ़ते हुए अल्ला से शाराबखोर की आदत छोडने की दुआ मांगनी चाहिए।

उसके द्वार मौलिम साहब के बताए आयत पढ़नी चाहिए। आखिरी दिन पानी पर दम कर पानी को शौहर के कपड़े और विस्तर पर छिड़क देनी चाहिए। ध्यान रहे इसकी जानकारी शौहर को नहीं होने पाए और इसकी शुरूआत माहवारी के समय नहीं करें। हालांकि इसे किसी भी रोज शुरू किया जा सकता है। इसका अचूक असर होता है।

दूसरी अमल: यदि शौहर रोज रात को शराब पीकर आता हो और बीवी के साथ गाली-गलौज करता हो। तलाक देने की धमकियां देता हो, तो ऐसी बीवी को 40 दिनों के वजीफे का उपाय करना चाहिए। इसे भी किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है,

लेकिन खवातीन को चाहिए कि वह माहवारी के दिन इसकी शुरूआत कतई नहीं करें और रोजाना पढ़े जाने वालो वजीफे के दौरन इस स्थिति में दो-तीन दिनों का ब्रेक कर लें। उसके बाद पाक-साफ होकर वजीफा के बाकी दिनों को पूरा करे। इस वजीफे को अमल करने का सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार हैः-

    • इसकी शुरूआत कुरआन में दिए गए सुराह नंबर 15अल-मैदाह आयत नंबर  90 को पढ़ने की तैयारी करें।
    • आधी रात का समय चुनें और ताजा वजू कर लें। गहरी नींद में सोए शौहर के सिरहाने खड़ी हो जाएं। उसके बाद दुरूद शरीफ को तीन मरतबा पढ़ने के बाद 1100 मरतबा आयत को उतनी आवाज में पढंे ताकि सो रहे शौहर की नींद मंे खलल नहीं पड़ने पाए।
    • उसके बाद एक हाथ में थोडा पानी लेकर पर दम करें और उसे सिरहाने नीचे गिरा दें। 
    • इस वजीफे को लगातार रोजाना करते हुए 40वें दिन एक ग्लास पानी पर तीन बार दम करें। उसे बेड के किनारे रखे जाने वाले पानी के ग्लास की जगह रख दें, ताकि शौहर सुबह उठते ही वही पानी पी ले। इस उपाय के शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही शौहर बुरे बर्ताव में बदलाव आएगा और शराब पीने की आदतों में कमी आ जाएगी। 

तीसरी अमलः अगर शौहर के शराब पीने की लत कई कोशिशों और डाक्टरी इलाज के बावजूद नहीं छूटे तब उसकी बीवी को इंशा की नमाज चार माह में 11लाख बार पढ़ने का अमल करना चाहिए। हर रोज पानी पर दम करें और शराबी को पीने के लिए दें। यदि उसके दिन में ही पीने की आदत है तो यह अमल बेहद कारगर साबित होगा।

चैथी अमलः शराब की बुरी आदतों के साथ-साथ झूठ बोलने, जालसाजी करने या बीवी को छोड़ दूसरी औरत के साथ अनैतिक संबंध बनाने की बुरी आदत भी लग जाती है। इस हालत में बीवी को चाहिए कि वह 41 दिनों तक का एक वजीफा पढ़े और पानी पर दम कर उसे शौहर को पिलाती रहे।

इतने दिनों के दौरान पढ़ी जाने वाली आयत की कुल संख्या 6100 को रोज के हिसाब से बांट लें। इस वजीफे को रात को सोए हुए शौहर के सिरहाने खड़े होकर करें। कई मामलों में शौहर भी शराब की लता छुड़ाना चाहता है। ऐसे में बीवी वजीफे के समय शौहर को भी साथ-साथ आयत पढ़ने के लिए राजी कर ले। इसका क्रम से अपनाया जाने वाला तरीका और सतर्कताएं इस प्रकार हैः-

    • सबसे पहले नमाज की पाबंदी जरूरी करें। इससे बेहद फायदा होगा। ऐसी मान्यता है कि इससे बड़ा कोई वजीफा या अमल नहीं है।
    • इसे पढ़ने से पहले वजू अवश्य करें।
    •  जिस आयत को पढ़ना है वह अरबी मेें दिया गया है, उसका सही तलफ्फुज के साथ पढ़ें।
    • आयत पढ़ने के पहले और अंत में तीन, पांच, सात या 11 मर्तबा दुरूद-ए-शरीफ भी पढ़ें।
    •  जिस अमल में वजीफा को जितनी बार दिया गया है, उसे उतनी ही बार पढ़ें। उसकी संख्या न कम न ज्यादा होने पाए।
    •  दमनोशी पानी केवल शौहर को ही पीने के लिए दें।

नाजायज रिश्ते और शराब की लत

कई बार शौहर को शराब की लत दूसरी औरत के साथ नाजायज रिश्ते की वजह से लग जाती है। इस स्थिति में बीवी को चाहिए कि वह शौहर के प्रति अपनी मोब्बत को मजबूत बनाए और नाजायज रिश्ते को खत्म करने का वजीफा अमल में लाए। इसके लिए रोजाना सोते वक्त सबसे पहले वजू बना ले और फिर तीन बार दुरूद-ए-ताज शरीफ पढ़कर तसव्वुर में मिंया को सुधारने के लिए फूंक मरें।

उसके बाद मियां-बीवी के रिश्ते को सुधारने वाला वजीफा इस अमल को एक हप्ते करने के बाद ही शौहर के संपर्क दूसरी औरत से छूटने लगेंगे। उसका साथ छूटते ही शराब पीने की लत भी स्वतः छूट जाएगी। यह कहें कि शौहर हराम की चीजों को गलत औरत के पास छोड़कर वापस आ जाएगा।

इस अमल की कोई मियाद नहीं है, लेकिन अमल को लगातार 11 दिनों तक अवश्य जारी रखें। वजीफ के लिए आयत को 101 बार पढ़ा जाना चाहिए। इस अमल को शौहर भी छिपकर शराब पीने या दूसरे किस्म का नशा करने वाली बीवी को सुधारने के लिए भी कर सकते हैं।     

मियां बीवी में मोहब्बत की दुआ

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