हमजाद का अमल 5/5 (10)

हमजाद का अमल

हमजाद का अमल, हमजाद एक फारसी शब्द है जिसका अर्थ होता है साथ पैदा होने वाला। इसे छाया के तौर पर हासिल होने वाली मन की शक्ति है, जिसे कठोर साधना से पाया जा सकता है।

इसके सकारात्मक और नकारात्मक उपयोग किए जा सकते हैं। मुस्लिम समाज में किसी भी व्यक्ति का वशीकरण करने, शत्रु के प्रभाव को खत्म करने, दूसरे के मन की बात को जानने या फिर किसी को डारने-धमकाने के लिए किया जाता है।

हमजाद का अमल

हमजाद का अमल

इसकी बदौलत ऊपरी ताकतों से आई मुसीबतों से छुटकारा भी पाया जा सकता है। यही कारण है कि हमजाद का अमल दुनिया में सबसे शक्तिशाली अमल बताया गया है।

इसकी प्राप्ति के बाद व्यक्ति में स्वाभाविक बदलाव आता है, जो उग्रता का तामसिक और तांत्रिक प्रभाव लिए हो सकता है या फिर उसमें सात्विक विचार की शांत प्रवृति की देखी जा सकती है।

 हमजाद की साधना कर अलौकिक शक्ति हासिल हो जाती है, जो साधक की ही एक ताकतवर परछाई या कहें उसका भीतरी आपार ऊर्जा का विपुल भंडार होता है।

यानी कि हमजाद एक तरह से हमारे विचारों और सोच की अद्भुत शक्ति है। इसकी सक्रियता का एहसास एकांत में रहने पर होता है। जब हम आंखें बंद कर किसी कार्य के लिए गहन सोच-विचार करते हैं,

तो आंखों के सामने एक अकृति उभरती है और उससे बातचीत या सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसे काबू मंे रखकर वैसे मनोवांछित प्रयोग किए जा सकते हैं, जो सामान्य इंसान के लिए असंभव होते हैं।

इसे दो तरह के प्रयोग कर सिद्ध किया जा सकता है। पहला, दीपक या मोमबत्ती के जरिए या फिर आईने का प्रयोग कर। इसे जानने से पहले हमजाद के अमल की किस्मों के बारे में भी जानाना जरूरी है। वे नुारानि, सिफलि, उमुमि, जंतर-मंतर और खवातिन हैं। 

नुरानि हमजाद

नुरानि को कुरआन की आयत से किया जाता है, जिसका मकसद सभी कायनात के इंसानी भलाई के लिए होने चहिए। इसका अमल इस प्रकार किया जाना चाहिए।

    • नुरानी हमजात के अमल की दुआ के वास्ते पढ़े जाने का आयत है- लाइलाहा इल्ला अनता सुबहानका इन्नि कुंतु मिन्ज जावाल्लिन। इसे एकांत कमरे या घर में चार माह तक 777 बार कर हर दिन पुरे जलालि जमालि को साथ पढ़ना चाहिए। इसके पहले और आखिर में दरुद इब्राहिम अवश्य पढ़ें। इससे जीवन का हर मकसद पूरा हो जाएगा।
    • चालीस दिनों तक कुरआन की आयत लाकुन्ना हुआल्लाहु रब्बि नला उसरीकु बिरब्बि अहद को प्रतिदिन 1307 बार पढ़ने के बाद मन में इंसानी शक्ल एक प्रतिछाया उभरेगा। उससे अपने हर नामुमकिन काम करवाने का तरीका मालूम  किया जा सकता है।
    • नीचे दिए गए कुरआन की आयत को नब्बे दिनों तक प्रतिदिन 303 बार पढें़। इसके पूर्ण होते-होते आप एक विशेष आकृति और चेहरे-मोहरे वाले इंसानी शक्ल को अपने आस-पास महसूस करेंगे। जब भी एकांत में आंखंे बंद कर किसी समस्या के समाधान तलाशेंगे और उसे याद करेंग वह हाजिर होगा और पलक झपकते ही कोई न कोई रास्ता अवश्य दिखा देगा। आयत हैः- वहुआ अलाकुल्लि सौइन कदिर
    • कुरआन में दी गई आयतों में बिलमिल्लाहिर रहमान निर रहिम के पूरे एस साल तक प्रति दिन 786 बार पढ़ने से नुरानी हमजात की शक्ति हासिल की जा सकती है। उससे मन में हमेशा के लिए बस जाने वाला अद्भुत इंसानी शक्ल अपको हर मुसीबतों में मार्गदर्शन करेगा।

सिफलि हमजाद 

इसे हमजाद को शैतानी या बुराई हमजात की छाया के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह इन्हीं नकारात्मक शक्तियों का जिम्मेदार होता है। इससे अगर बुराई या शैतानी काम किया जाता है, तो इसकी मदद से बुरे से बुरे शत्रु के नकारात्मक प्रभाव को हमेशा के लिए खत्म किया सकता है।

बताते हैं कि इसे इस्तेमाल करने वाले पर भी उतना ही खतरा बना रहता है, जितना कि प्रयोग किए जाने वाले पर। हार-जीत में बहुत ही बारीक फर्क होता है। इस कारण इसका इस्तेमाल बहुत ही समझदारी के साथ किया जाना चाहिए। बदला लेने की भावना से तो बिल्कुल भी नहीं।

उमुमि हमजाद 

इस हमजात को सामान्य तौर पर किसी छोटी से धातु की वस्तु जैसे सुई के रूप में हासिल किया जा सकता है। यह एक तरह से साधना से सिद्ध किया हुआ होता है, जिसका प्रयोग दूर बैठे व्यक्ति पर बहुत ही सावधानी से एक औजार के तौर पर किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल सामान्तः काला जादू को खत्म करने के लिए किया जाता है। 

जंतर-मंतर और खवातिन हमजात

जंतर-मंतर हमजात का अर्थ टोने-टोटके लिए उपयोग में लाए जाने वाले शाबर मंत्रों से है। ये  उच्चारण में आसान और मारक प्रहार करते हैं। विभिन्न कार्यों में इसका अधिकतर इस्तेमाल वशीकरण के लिए किया जाता है।

इसे मुस्लिम और हिंदू समाज, दोनों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त खवातिन हमजात में मन की आंतरिक  ऊर्जा एक खवातिन अर्थात औरत के रूप में हासिल की जाती है।

एक ऐसी औरत जो नीडर हो, रूप-सौंदर्य में मोहक हो, हर मुसीबतों से टकरा जाए और और जरूरत पड़ने पर सही राह भी दिखा दे। इसके इस्तेमाल से वशीकरण का जादू चलाकर इच्छित मनोकामना पूरी की जा सकता है। 

हमजात हासिल करने के तरीके

अपनी समस्याओं की स्थिति और जरूरत के अनुसार ही व्यक्ति को हमजात की शक्ति हासिल करनी चाहिए। इसके दो माध्यम आईना और दीपक के बताए गए हैं।

इनसे अपनी परछाई को सिद्ध किया जा सकता है। आईने के माध्यम में इसका आकार इतना बड़ा हो कि हमारा पूरा शरीर उसमें दिख सके। सफदे या आसमान रंग की दीवारों वाले खाली कमरे में एक दीवार पर उत्तर दिशा की ओर आईन लगा दें,

ताकि आपका चेहरा दक्षिण की ओर रहे। रात्री के 11 बजे के बाद आसन लगाकर बैठ जाएं और एक टक दर्पण की ओर देखते रहें। इस दौरान मन में संकल्प दुहराते रहें कि मेरी परछाई जाग्रत हो रही है और मेरी ऊर्जा उसमें समाहित हो रही है।

ऐसा करीब तीन घंटे तक करें। इस अभ्यास को लगातार तीन दिनों तक करें। इसके अभ्यास से आपको एक आलौकिक शक्ति दिखेगी। 

दूसरा प्रयोग दीपक या मोमबत्ती के साथ करने के लिए भी एकांत और खाली कमरा चुनंें। उसमें उसे जलाने के बाद उसकी तरफ पीठ कर बैठ जाएं। यानी कि कमरे के एक तरफ दीपक और दूसरी तरफ दीवार पर उसकी लौ से परछाई बन जाए।

बैठने की स्थिति इस तरह से करें ताकि परछाई आपके बराबर बने। पहले की तरह ही रात 11 बजे शुरू कर सुबह सूर्योदय होने से दो घंटे पहले तक अभ्यास करें। इनके इस्तेमाल से हमजाद की विपुल शक्ति हासिल की जा सकती है।   

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