किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा

किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा 5/5 (8)

किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा

Kisi ke Dil Mai Nafrat Paida Karne Ka Wazifa

किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा – Kisi ke Dil Mai Nafrat Paida Karne Ka Wazifa,यदि दो प्रेमियों और विवाहित देपंतियों के लिए दुनिया में प्यार-मोहब्बत से बडी कोई चीज नहीं हो सकती है, तो इसे पाने के लिए उन्हें कई तरह की मुश्किलों के दौर से भी गुजरना होता है।

कुछ कुर्बानियां भी देनी पड़ती है। एक-दूसरे के दिल में चाहे जैसे भी हो पुख्ता जगह बनानी होती है। रिश्ते में मजबूती और मधुरता के लिए तिकड़मों का सहारा लेना पड़ता है। इस संदर्भ मंे नफरत भी बड़े काम  आती है।

किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा

किसी के दिल में नफरत पैदा करने का वजीफा

यानी कि किसी के दिल में नफरत पैदा कर अपने प्यार को हासिल किया जा सकता है। खासकर इसकी जरूरत तब और होती है जब दो सच्चे प्रेमियों या ताउम्र एक-दूसरे के साथ जीवन गुजारने का वादा करने वाले मिंया-बीवी के बीच कोई दूसरी औरत आ जाती है।

ऐसे हालात में हर समाज के अनुरूप कई आध्यात्मिक तरीके अपनाए जाते हैं। यहां इससे संबंधित इस्लामी वजीफा इस्तेमाल करने के बारे में कुछ जानकारियां दी जा रही हैं।

नफरत से मोहब्बत पैदा करने का वजीफा

सुनने में बहुत अजीब लगता है कि नफरत से मोहब्बत! सवाल उठता है यह क्यों जरूरी है? कैसे मिल सकती है? परंतु दांपत्य जीवन को सुखद और मधुर बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि उसे औरों  की नजर से बचाकर रखा जाए।

ताकि जीवन साथी संग मोहब्बत सदा के लिए महफूज बनी रहे। इसके लिए अगर दो लोगों के बीच नफरत करनी हो तो उससे पीछे नहीं हटना चाहिए। 

वैसे किसी के दिल में नफरत पैदा कर मोहब्बत पाना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी यह एक ऐसा जरिया है, जिससे किसी इंसान के दिल में दूसरे के नाम की मोहब्बत को नफरत में बदला जा सकता है।

शौहर अगर किसी दूसरी औरत से मोहब्बत करता हो, या ब्वायफ्रैंड किसी दूसरी लड़की से प्यार करता हो, तो इनके लिए यहां दिया गया इस्लामी अमल काफी उपयोगी साबित होता है।

इस अमल की बदौलत किसी के दिल में नफरत डाली जा सकती है। बस, अमल को जायज तरीके से काम में लाना चहिए। इसके लिए दो लोगों में जुदाई करवाने का वजीफा 11 दिनों तक निम्नलिखित तरीके के अनुसार पढ़ना चाहिए।

  • विपरीत लिंग के दो इंसान की मोहब्बत को खत्म करने के लिए इस वजीफे को एक सादे कागज पर लिख लें। वजीफा है- वा अल कैना बैना हुमुल अदा वाता वाी बाग जा इल्लाही ययुमल कल्यामह। 
  • वजीफे के नीचे लिखंे- फलां फलां के तफरीक वाकीने हो। यहां फलां-फलां की जगह उनके नाम लिख दे,ं जिनके बीच नफरत पैदा करनी है।
  • उसके बाद इस कागज को सात तह में मोड़ लें। फिर उसे काले धागे से अच्छी तरह से लपेट कर बांध लें और दो पुरानी कब्रों के बीच दफन कर दें। 
  • घर आकर उस वजीफे को 111 बार पढ़ें। इसे पढ़ने से पहले और अंत में सात-सात बार दुरूद शरीफ को भी पढ़ें।
  •  यह काम रात के 11 बजे के बाद करें। जबरदस्त और स्थाई प्रभाव के लिए इस अमल को रोजाना 11 दिनों तक करना चाहिए।
  • अगर कोई दूसरा व्यक्ति आपकी हंसती-खेलती जिंदगी को बर्वाद करने की कोशिश करत है, या फिर दूसरे की बुरी नजर से आपके दांपत्य जीवन की खुशियों को ग्रहण लग गया हो तो वक्त रहते इस वजीफा को अमल में लाकर दूसरे की मोहब्बत को नफरत में बदल सकते हैं। 
  •  ध्यान रहे कि यह एक निहायत खतरनाक अमल है। इसके लिए अल्लाह ताला से इजाजत लेने की जरूरत है, जो एक जानकार मौलवी ही दिलवा सकते हैं।

शौहर के दिल में गैर औरत के लिए नफरत पैदा करने का वजीफा

यदि आप अपने शौहर के किसी गैर औरत से ताल्लुकात होने या नाजायज रिश्ते के कारण परेशान हैं। इस कारण आपकी उपेक्षा होती हो, तो इसमें घबड़ाने की जरूरत नहीं है।

इंश अल्ला की दुआ करते हुए बताए गए अमल को करने से शौहर दूसरी औरत से नफरत करने लगेगा और आपको उसका प्यार फिर से हासिल हो जाएगा। 

रात को सोने से पहले वजु करते सात बार रोज दिए गए वजीफे को पढ़ना चाहिए। वजीफा है- ला इलाहा इल्ला अंता सुबाहानका इन्नी किंतु मिंज्जालिन अल्लहू नूरुस्मावती वाल अर्जी लाता लाता खुजुहु सिंतल्वा नोम।

वजीफा पढ़ने के बाद एक प्याली दूध या पानी पर तीन बार दम करें। उसे अपने शौहर को पिला दें। ऐसा लगातार 40 दिनों तक करने से शौहर का झुकाव अपनी बीवी को ओर बढ़ने लगेगा। 

दिल में मोहब्बत पैदा करने का वजीफा

किसी की मोहब्बत को हासिल करने के लिए उसके दिल में इतनी मोहब्बत पैद कर देनी चाहिए कि  वह किसी अन्य की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखे। इसकी जरूरत दो प्रेमियों को होती है।

हर प्रेमी, चाहे लड़का हो या लड़की उसे हमेशा महसूस होता है कि उसका चाहने वाला किसी और को भी चाहने लगा है, या फिर उसपर भी किसी और की नजर लगी हुई है। इस स्थिति में दिल में बेइंतहा मोहब्बत पैदा करने का वजीफा अमल में लाना चाहिए। 

यानी कि अगर आप किसी से प्यार करते हैं और वह आपसे प्यार तो करता है, लेकिन कोई और उस पर डोरे डाल हुए है। परिस्थतिया आपदोनों के अनुकूल नहीं बन पा रही हो तब आप दोनों को यह वजीफा अलग-अलग पढ़़ना चाहिए।

इसे अमल में लाने के लिए किसी जानकार मौलाना से पूरा तरीका मालूम करना चाहिए। कम से कम 11 और अधिक से अधिक 21 रोज तक रोजाना किये जाने वाले वजीफे का सिलसिलेवार तरीका निम्नलिखित है-

  • शनिवार और मंगलवार को छोड़कर किसी भी इसकी शुरूआत की जा सकती है। इसके लिए सबसे पहले ताजा वजु बना लें।
  • रात को सोने से पहले जमीन पर या सोने वाले बिछावन पर एक पाक-साफ चादर बिछाकर बैठ जाएं।
  • अव्वल दुरूद शरीफ 11 मर्तबा पढ़ें। उसके बाद कुरान-ए-पाक की सुराह युसुफ की आयत 30 का एक छोटे से हिस्से को 101 बार पढ़ें। इससे पहले बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़ें।  
  • आखिर में दुरूद शरीफ 11 मर्तबा फिर पढ़ें। ध्यान रहे कि यह सब पूर वक्त पढ़़ने के दौरान महबूब या महबूबा की तस्वीर अपने सामने रखें या फिर उसे अपने जेहन में तस्सबुर करें।
  • जैसे-जैसे वजीफा पढ़ने का सिलसिला आगे बढ़ेगा, वैसे-वैसे इंशा अल्लाह आपकी मुराद पूरी होती महसूस होगी। यह कहें महबूब के दिल में मोहब्बत की गजब की हूक पैदा होगी। दोनों एक-दूसरे के वादे में इस कदर बंध जाएंगे कि उन्हें कोई लाख कोशिशों के बावजूद अलग नहीं कर पाएगा।

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