प्यार में पागल करने का वजीफा

प्यार में पागल करने का वजीफा 5/5 (14)

प्यार में पागल करने का वजीफा

Pyar Me Pagal Karne Ka Wazifa

प्यार में पागल करने का वजीफा – Pyar Me Pagal Karne Ka Wazifa, प्यार में पागल करने का अर्थ किसी के साथ बेइंतहा मोहब्बत करना है। जब कोई प्रेमी किसी को दिलोजान से चाहता है और उसके बगैर उसकी जिंदगी नीरस लगने लगती है, या कहें एक-एक पल गुजारना मुश्किल हो जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि वह उसके प्यार में दीवाना बन चुका है।

प्यार में पागल करने का वजीफा

प्यार में पागल करने का वजीफा

ऐसा नसीब सबको नहीं मिलता है। हर लडकी या लडका चाहता है कि उसे चाहने वाला पागलपन की हद तक प्यार करे। यदि ऐसा नहीं है तो वह कुरआन मंे दिए गए आयत के छोटे से हिस्से को तहे दिल से पढें। यह प्रिय के दिल में प्यार का अलख जगाने जैसा काम करता है। 

प्यार में पागल करने वाली अल्लाह से दुआ

यदि कोई प्रेमी यह महसूस करता है कि उसकी प्रेमिका उससे तहेदिल से प्यार नहीं करती है, तो उसे किसी भी रोज आघी रात को वजीफा या वदूदो, या बुद्दु हो, या लातिफो को 900 बार पढना चाहिए। इसे पढने से पहले और बाद 11 बार दुरूदे पाक पढना जरूरी होता है।

इस वक्त अपने प्रिय की तस्वीर अपनी नजरों के सामने रखें। या फिर आंखें बंद कर उसकी उस बारे में अच्छी बातों और चेहरे का स्मरण करें, ताकि दिमाग में उसकी एक बेहतर तस्वीर उभर जाए।

इस दौरान नमाज और कुरआन की आयतों को पूरी पाबंदी के साथ पढना चाहिए। इस सिलसिले को तबतक जारी रखना चाहिए जबतक कि प्रिय के दिल में मोहब्बत जाग न जाए।

जगाएं जादू मोहब्बत का वजीफ

प्रेमिका हो या फिर रूठी हुई बीवी उसके दिल में मोहब्बत का जादू जगाने के लिए वजीफ पढ़ने का अमल तहेदिल से पाक-साफ नीयत के साथ करें। वजीफ है- या बुद्दु हैलो, या क्युमसाफैलो, या रातोखादैलो ए नक्दी हाजाती-कुन फाया कुन। इसे रात के 11 बजे के बाद 1100 बार लगातार पढें।

इसे पढ़ने से पहले और अंत में दुरूदे शरीफ 21 बार अवश्य पढें। अपने सामने प्रेमिका बीवी के मायके जा बैठने की स्थिति में तस्वीर सामने रखें। साथ इस दिन पांचों वक्त का नमाज भी पढें ओर अल्लाताला से प्रेमिका का दिल जीतने की दुआ करें। इस अमल का जादूई असर होगा। इसे कोई लडकी भी अपने प्रेमी के प्यार को हासिल करने के लिए कर सकती है।

मीठी चीज के साथ अमल

अगर आपक महबूब आपको ठुकरा कर किसी दूसरी लडकी की तरफ रूझान बढा रहे हैं और बाकायदा आपको नजरंदाज कर कर दिया हो तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। कारण इस्लाम में प्यार को पाने का वजीफा बहुत ही कारगर अमल बताया गया है।

इसका इस्तेमाल कर मीठी चीज से करने का मशवरा दिया गया है। जब आप अल्लाह से प्यार में पागल करने की दुआ अपने महबूब के लिए मांगेंगे तो अल्लाह मियां आपके महबूब के दिल में सिर्फ और सिर्फ आपकी मोहब्बत पैदा कर देंगे।

इसके लिए अपने दिल कंे निकाह की नेक नीयत को बनाए रखें और पूरी संजीदगी एवं साफ दिल के साथ दुआ पढें। किसी भी रोज रात को 70 बार पढा जाने वाले दुआ के पहले और बाद में दुरूद शरीफ का 7-7 बार पढ़ना जरूरी है। उसके बाद किसी मीठी चीज चीनी या शहद पे दम करें यानी फूंक मारें। उसे अपने महबूब के खाने में मिलाकर खिला दें। दुआ इस प्रकार है- 

अलम तरा कयफा बस्तम, खवाह ओ खूर फलां बिन/बिनते फलां फअला रब्बुका बी अस हाबिल फील अलम यज 

अल कयदा हुम बस्तम खवाह ओ खूर फलां बिन/बिनते फलां फी तद लीलींव तैरन अबा बील 

तरमी हिम्मबिहिजा रतिम्म मिन सिज्जिलिन फजा लहुम क आस्फीम्म मा अकुल बस्तम खवाह ओ खूर माशूक का नाम बिनते/बिन माँ का नाम ‘अला हुब खुद का नाम बिनते

विशेष – इस वजीफे के अनुसार बिन माँ का नाम के साथ एक मर्तबा पूरा होता है। यदि इसे अमल करने वाला लडका हो, तो वह ‘बिन’ बोले और अगर लड़की हो तो ‘बिनते ‘बोले।

उदाहरण के रूप में अगर लडके के लिए वजीफा पढ़ा जा रहा है तो “बस्तम खवाह ओ खूर मुजफ्फर बिन मरियम” बालना है। इसी तरह से अगर लड़की है तो “बस्तम खवाह ओ खूर अमीना बिनते नफीसा“ बोलना चाहिए।  माँ का नाम नहीं मालूम होने की स्थिति में “हव्वा“ कहना चाहिए।

तीनों खवाह ओ खूर के बाद जिनके लिए अमल कर रहे है उनका नाम और उनकी माँ का नाम लेना है।‘अला हुब के बाद अपना नाम बिन/बिनते अपनी की मां का नाम लीजिये।  अल्लाताल आपकी दुआ अवश्य कुबूल करेंगे और महबूब के दिल में आपके लिए जबरदस्त जगह बनेगी।

करें मोहब्बत में गिरफ्तार वजीफे का अमल

अगर आप चाहते हैं कि आपका महबूब हमेशा आपका ही बना रहे और किसी दूसरे के तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखे तो इस पावरफुल वजीफे का अमल करें। इस वजीफा को करने से पहले अगर आपने अल्लाह निकाह इस्तिखारा या फिर कोई और इस्तिखारा करवा रखा है और ये आपके हक में आया है, तो नीचे दिए तरीके से अमल करें। अल्लाह पाक आपकी जायज मुराद पूरी करेंगे।

    • इसे किसी भी रोज जब शुरू किया जा सकता है, लेकिन सबसे पहले सबसे अव्वल ताजा वुजू बना लें।
    • सफेद पाक-साफ कागज पर चीनी, मिश्री या बताशे के चूरे की सात पुडिया बना लें। उसके बाद कुरान-ए-करीम की सूरह 105 ‘अलम तरा कयफा’ इस तरह से पढ़े, जो  ऊपर दिय गया है। 
    • इस वजीफे को पढने की  तादाद 41 मर्तबा होनी चाहिए उसके बाद चीनी की पुड़िया पर दम कर देें। बाद में उसे चीटियों या कीडे-मकोडे के सामने रख दें।
    • रोजाना एक पुड़िया पर दम करते हुए इस अमल को सिर्फ 7 रोज तक बिला नागा करें।  

इंशा अल्लाह महबूब चाहे जहां भी हो, कितना भी रूठा क्यों न हो फौरन हैरान व परेशान होकर हाजिर हो जाएगा।

कुछ हिदायतें इस प्रकार दी गई हैं, जिसपर भी अमल करते हुए वजीफे का इस्तेमाल करना चहिए। जैसे-

    • इस वजीफे की अमल को नाजायज रिश्ते के लिए कतई नहीं किया जाना चाहिएं।  ये अमल सिर्फ और सिर्फ उन लोगो के लिए है, जो एक-दूसरे को दिल से सच्ची मुहब्बत करते थे और निकाह करना चाहते थे। 
    • इस अमल को उनके लिए कतई नहीं करें जो आपको जानते भी नहीं हैं। अर्थात हर किसी के दिल में इस अमल से मुहब्बत पैदा करने की कोशिश नहीं करें। कुरआन में इसे हराम कहा गया है।
    • कोई बीवी अपने शौहर की मुहब्बत हासिल करने के लिए ये वजीफा कर सकती है। ऐसी सूरत में खवातीन को निकाह इस्तिखारा करना जरूरी नहीं है।
    • खवातीन हैज यानी माहवारी के 7 रोज में इसे कतई नहीं करें। बल्कि ऐसे रोज शुरू करे जब वो पुरे 7 रोज बिला नागाह कर सकें।  

मोहब्बत वापस पाने का वजीफा

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