दुश्मन की जुबान बंद करने का वजीफा 5/5 (7)

दुश्मन की जुबान बंद करने का वजीफा

दुश्मन की जुबान बंद करने का वजीफा, दुश्मन दुश्मनी निकालने के कई तरीके अपनाते हंै। कोई सीधे-सीधे वार हथियारों तक से कर देता है, जबकि कई दुश्मन छिपकर दुष्प्रचार करते हैं। बुरे अल्फाज निकालते हैं। उनकी कड़वी और अपशब्दों की जुबान बना-बनाया काम बिगाड़ देती है।

व्यक्ति के परिवार और समाज में बनी-बनाई अच्छी छवि को बिगाड़कर रख देती है। उसकी बोली से नफरत होती है, लेकिन उन्हें असानी से रोकना संभव नहीं हो पता है। खासकर इससे शौहर-बीवी में गलतफहमी पैदा हो जाती है और उनका दंापत्य जीवन तबाह हो जाता है।

दुश्मन की जुबान बंद करने का वजीफा

दुश्मन की जुबान बंद करने का वजीफा

घर में क्लेश की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। और ऐसी जुबान को चुप करने के लिए कुराआन मंे कई आयतें दी गई दी गई हैं, जिन्हें सुराह की दुआ कहा गया है। इन्हीं में जुबान बंद करने की दुआ और वजीफे दिए गए हैं। जब आप इन्हें पूरी नेमत के साथ पढ़ेंगे तो आपके दुश्मन एक भी बुरे अल्फाज नहीं पाएंगे। 

ईष्र्या करने वाला दुश्मन

अगर आपका दुश्मन आपसे जलता है। आपका हमेशा बुरा चाहता है और आपके बारे में उल्टा-सीध बोलता है। यह आपको आए दिन उसके द्वारा फैलाए गए सुनने को मिलता हैं। इस स्थिति में दुश्मन जुबान को बंद करने का वजीफा पढ़ें।

इसके पढ़ने के बाद दुश्मन आपके खिलाफ बुरी बातें बालना बंद कर देगा। यह कहें कि अल्लाह उसके अंदर से बोलने की ताकत को ही खींच लेगा और वह आपके खिलाफ बोलने के काबिल ही नहीं रह जाएगा।  इसके इस्तेमाल का तरीका इस प्रकार हैः- 

    • इसे अमल में लाने के सभी फर्ज नमाजों कों पढ़ना लिए जरूरी होता है। हर नमाज के बाद 41 मर्तबा इसकी सुराह दुआ की आयत को पढ़ें। वह आयत हैः- सुम्मुन बुकमुम उम्युन फाहुम ला यार जी ऊन
    • आयत को पढ़ते वक्त अपने दुश्मन का तस्ववुर करें। इसके लिए कोई जरूरी नहीं है कि उसकी को तस्वीर लाएं या उसका नाम लें, बल्कि सिर्फ तस्व्वुर ही काफी है।
    • उसके बाद अपने ख्यालों में ही उसके ऊपर दम कर दें। इंशाअल्लाह आपके खिलाफ निकलने वाली दुश्मन की जुबान बंद हो जाएगी।
    • इस अमल का असर तीन दिनों में ही दिखने लगेगा, लेकिन पूरी तरह से दुश्मन की जुबान को रोकने के लिए इसे सात दिनों तक नियमित करें।

सुराह कौसार का वजीफा

कुरआन में दुश्मन को परास्त करने की कई आयतें हैं, जिन्हें दुश्मन के द्वार इस्तेमाल किए गए तरीके के अनुसार पढ़़ा जाता है। वैसे मौलवी द्वारा बताए गए तरीके के अनुसार दुश्मन से हिफाजत करने वाला सुराह कौसार का वजीफा अमल में लाना चाहिए। इसका सिलसिलेवार तरीका इस प्रकार हैः-

    • इसे किसी भी रोज शुरू किया जा सकता है। वजीफा शुरू करने से पहले एक पाक-साफ नीम की लकड़ी साथ में रखें।
    • सबसे पहले वजू करें और एक जगह पर बैठ जाएं।
    • एक पाक-साफ कोरे कागज पर दुश्मन का नाम उसकी मां के नाम के साथ लिखें। उसके बाद 11 मर्तबा अव्वाल दुरूद शरीफ पढ़ें। 
    • बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहमान के 1000 बार पढ़ने से पहले सुराह कौसुर 11 मर्तबा पढें। 
    • बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहमान के 100 बार पढ़ने के बाद नीम की लकड़ी पर दम कर दें। इस तरह से इस अमल के दौरान नीम की लकड़ी पर दस बाद दम किया जाना चाहिए।
    • आखिर में फिर से 101 मर्तबा दुरूद शरीफ पढ़़ें और नीम की लेकड़़ी पर दम करें।
    • दुश्मन का नाम लिखे कागज के साथ नीम की लकड़़ी को लपेट कर उसे किसी धागे से बंध दें। उसके बाद दुश्मन से हिफाजत और परेशानी से छुटकारा के लिए अल्लाह से दुआ करें 
    • कागज लिपटे नीम की लकड़ी को अलग कहीं ऊंची जगह पर रख दीजिए जहां किसी की आसानी से पहुंच नहीं हो। इसका असर कुछ रोज में दिखेगा।
    • इस वजीफे को कोई भी स्त्री या पुरुष कर सकते हैं, लेकिन स्त्री हैज यानी माहवारी की हालत में इसे कतई नहीं करे। 

शक्तिशाली वजीफा

यदि आप चाहते हैं कि आपका दुश्मन से हर तरह की हिफाजत हो जाए, तो इसके लिए ताकतवरी वजीफा अमल में लाना होगा। यह वजीफा उस औरत के लिए बेहद करागर होता, जिसकी दुश्मन कोई औरत होती है और उसके शौहर हथियाने के चक्कर में बुरी जुबान से अफवाहें फैलाती रहती है।

ऐसे दुश्मन से निजात पाने के लिए नीचे दिए गए अमल बा-शरीफ मुकम्मल करना चाहिए। इससे दुश्मन के हर शह से हिफाजत मिलती है।

    • सबसे पहले दुश्मन का नाम एक कागज पर उसके वालिद के नाम सूखी हुई खुश्क कलम के साथ लिखें। उसके साथ यह भी लिखें- इलाही बा बरकत सीन कलाम पाक के इन्मे मौवाफिकत कर।
    • अव्वाल दुरूद शरीफ को 100 मर्तबा पढ़ें।
    • इसके बाद सुराह इखलास को 1000 बार पढ़ें।
    • आखिर में एक बार फिर से दुरूद शरीफ को 100 बार पढ़ें।
    •  उसके बाद नक्श पर दम कर दें।
    • अंत में दुश्मन के नाम लिखे कागज को पानी में घोल कर उस दुश्मन को ही पिला दें। इसके लिए किस तरीके से दुश्मन को अपने घर आमंत्रित करें और उसके खाने की आहार के साथ इसी पानी को परोस दें।

दुश्मन से हिफाजत के वास्ते मुजर्रब अमल

अगर आपका दुश्मन काफी चुगलखोर है। आपके रिश्तोदारों और दोस्तों के बीच चुगली लगता रहता है, तो उसकी जुबान बंद करने के लिए मंद रजा जहल आयात-ए-मुबारिका का सात रोज तक पढ़ने का अमल करें।

इसे प्रतिदिन एक हजार मर्तबा रात के अंधेरे में बैठकर पढ़ना है। इसमें सुराह बकरह की आयात को पढ़ना होता है। अल्लाह के करम से कोई भी दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। तरीका इस प्रकार हैः-

    • हिजरी माह के शुरू के हफ्ते में ही इसे वजीफा को शुरू करें। यानी कि एक तारीख से लेकर सात तारीख तक का समय निर्धारित करें।
    • वजू कर लें और फिर दुश्मन का तस्सव्वुर करते हुए जमीन पर दस्तक दें।
    • उसके बाद 1000 हजार मर्तबा आयत-ए-करीमा को पढ़ें। वह हैः- वा मिन शर्रइ हासिदिन इघा हदस। 
    • इसे पढ़ने के बाद अपनी हजद के लिए अल्लाह से दुआ करें।
    • इस हर रोज पढ़ें ताकि उसका असर नजर आने लगे। 
    • यह वजीफा खवातीन भी कर सकती हैं, लेकिन माहवारी के दौरान इसे नहीं करें। इसके बाद पाक होने पर ही इस वजीफे का अमल करने से यह असर करता है। शौहर या धन-संपदा पर बुरी नजर डालने और बुरे अल्फाज निकालने औरत की जुबान इससे बंद हो जाती है।  

हमजाद का अमल

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